मुंगेर जिले की काली प्रतिमा के विसर्जन को लेकर चर्चित हसनपुर की मां काली की प्रतिमा का विसर्जन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच काली महारानी की प्रतिमा को आरती के लिए सीताकुंड लाया गया. विसर्जन के लिए 25 मजिस्ट्रेट की देखरेख में 800 जवानों को लगाया गया था, जिसमें बीएमपी रैपिड ऐक्शन फोर्स के अलावा ड्रोन , वीडियोग्राफी सहित कई तरह के उपाय किए गए थे.
इस दौरान विभिन्न थानों के थानाध्यक्ष भी मौजूद रहे.वहीं डीएम नवीन कुमार,एसपी जगुन्नाथ जलारेड्डी, एडीएम, एसडीएम यतेन्द्र कुमार पाल, एसडीपीओ राजेश कुमार, सुरक्षा व्यवस्था की खुद निगरानी करते रहे. इमली गाछ से लेकर सीताकुंड तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल मुस्तैद दिखे. काली प्रतिमा को निर्धारित समय पर मंदिर परिसर से निकाल कर इमली गाछ चौक दस बजे पहुंचाया गया. जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में विसर्जन समिति और शांति समिति के सदस्यों के साथ प्रतिमा को सीताकुंड के लिए रवाना किया गया.
रैफ और एसएसबी जवानों ने प्रतिमा को अपने सुरक्षा घेरे में ले रखा था. सीताकुंड में पुजारी व श्रद्धालुओं ने मां काली की भव्य आरती की. इस अवसर पर सीताकुंड डीह और रामदिरी गांव के हजारों ग्रामीण मौजूद थे. आरती के दौरान जय मां काली के जयघोष से सीताकुंड गूंजायमान हो उठा.आरती के बाद प्रतिमा राम जानकी ठाकुरबाड़ी पहुंचीं.जहां ठाकुरबाड़ी के पुजारी ने आरती की.अधिकारियों के नेतृत्व में प्रतिमा को विसर्जन के लिए गंगा घाट की ओर ले जाया गया.
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इस अवसर पर अल्पसंख्यक समुदाय के गणमान्य लोगों ने काली पूजा समिति के सदस्यों तथा जिले के सभी अधिकारियों को गुलाब का फूल देकर स्वागत किया.साथ ही पानी शरबत की व्यवस्था कर कौमी एकता का मिसाल कायम किया .सुरक्षा के लिए रैफ की एक कंपनी, एसएसबी, बीएमपी और जिला पुलिस बल की तैनाती थी.
28 थानाध्यक्ष रैंक के पुलिस पदाधिकारियों की ड्यूटी लगी थी.प्रतिमा के साथ सीताकुंड जाने वाले विसर्जन समिति, शांति समिति के सदस्यों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल के लोगों का बरदह गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने भव्य स्वागत किया. लोगों ने सामाजिक सद्भाव का नजारा पेश किया.
Posted By: Thakur Shaktilochan