झारखंड हाइकोर्ट ने हजारीबाग-बरही एनएच के चाैड़ीकरण कार्य को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर विगत दिनों सुनवाई के दाैरान सड़क के किनारे किये गये पाैधरोपण को सफल बनाने की बात कही. पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन (प्रत्यारोपण) को लेकर दायर प्रार्थी की आइए याचिका पर स्पष्ट जवाब दायर करने को कहा. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को अगली सुनवाई के पूर्व स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा.
मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने दिसंबर के प्रथम सप्ताह में तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने खंडपीठ को बताया था कि सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित किया जायेगा, ताकि दुर्घटनाओं की आशंका को कम किया जा सके. जगह-जगह स्पीड कैमरा, स्पीड गन लगा कर वाहनों की गति नियंत्रित की जायेगी.
गति सीमा तोड़नेवाले वाहन चालकों से जुर्माना वसूला जायेगा. इसके लिए स्पीड कैमरा, स्पीड गन सहित अन्य उपकरणों की खरीद की गयी है. उसे लगाने की कार्रवाई शुरू की जायेगी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी इंद्रजीत सामंता ने जनहित याचिका दायर कर हजारीबाग-बरही एनएच के चौड़ीकरण के दौरान पेड़ काटने व क्षतिपूरक पौधरोपण का मामला उठाया है. वहीं हाइकोर्ट ने एनएच-33 की दयनीय स्थिति व धीमी गति से हो रहे चाैड़ीकरण कार्य को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.