रांची : झारखंड के 3161 गांव ऐसे हैं जिसके एक घर में भी नल से जल नहीं पहुंच पाया है. इन गांवों के लोग अब भी पीने के पानी के लिए चापाकल, कुंआ, नदी-नालों व अन्य प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं. इन गांवों में अब तक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से ग्रामीण पेयजलापूर्ति की एक भी योजना शुरू नहीं की जा सकी है. इसमें सबसे अधिक दुमका व पाकुड़ जिला के गांव हैं. दुमका के 308 व पाकुड़ के 298 गांव ऐसे हैं, जिसके एक घर में नल से जल नहीं पहुंचाया जा सका है.
केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. इसके तहत वर्ष 2024 तक राज्य के सभी 61.21 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. तीन वर्ष गुजरने के बाद राज्य में सिर्फ 14.87 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जा सका है. राज्य में जल जीवन मिशन की उपलब्धि 24.30% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 54.35% है. झारखंड राष्ट्रीय औसत से लगभग 30% पीछे चल रहा है.
जल जीवन मिशन के तहत राज्य के 29,604 गांव में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. परंतु इनमें से सिर्फ 746 गांव ही ऐसे हैं, जिसके सभी घरों में नल से जल पहुंचाया जा सकता है. बचे हुए शेष दो वर्षों में 28,858 गांव के सभी घरों तक पानी पहुंचाना है. इसको लेकर सरकार की ओर से पेयजलापूर्ति की योजना शुरू की गयी है. 991 गांव के 90 प्रतिशत से अधिक घरों में नल से जल पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया है.
जसपुर, मलगोंसा,नवगढ़सोसो, जरगा, गुट्टीडीह, बैद खिजरी, कोरदा, चुरगी, बिंजा, छाछगुरा, बिंदानी, खुदी, हरहु, जवाबेड़ा, केसर बेड़ा, बुरुडीह, गुच्चीडीह, जालु हुटांग, पिस्का, कुद्दा, कंजानी गुरहा, दिमरा, चटमसाल.
जिला गांव
गिरिडीह 158
धनबाद 241
सरायकेला 107
रांची 23
जामताड़ा 118
प सिंहभूम 277
दुमका 308
रामगढ़ 42
खूंटी 40
देवघर 173
साहिबगंज 157
चतरा 133
बोकारो 78
लातेहार 154
गोड्डा 152
गुमला 85
गढ़वा 65
कोडरमा 45
पूर्वी सिंहभूम 93
लोहरदगा 16
पाकुड़ 298
सिमडेगा 08
हजारीबाग 110
पलामू 280
कुल 3161
जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं में तेजी लाने को लेकर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. स्टेट लेबल स्क्रिनिंग कमेटी की मंजूरी भी मिल गयी है. इसमें बचे हुए कई गांव की भी योजनाएं शामिल हैं. निविदा प्रक्रिया पूरी करने के बाद जल्द ही इन योजनाओं पर कार्य शुरू होगा. सभी अंचलों में जल जीवन मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की जा रही है. इसको लेकर अधिकारियों को जिम्मेवारी भी सौंपी गयी है.
मनीष रंजन
सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग