सीवान जिले में डेंगू का कहर जारी है. मंगलवार को जिले के दो डेंगू संक्रमित व्यक्तियों की मौत उपचार के दौरान पटना में हो गई. 25 वर्षीय शुभम कुमार की मौत पटना के रूबन अस्पताल में हुई. तो वहीं बड़हरिया की सैयदा बानो की मौत पटना के मेडीवर्सल हॉस्पिटल में हो गई. पिछले दो दिनों में जिला उप विकास आयुक्त सहित दर्जनों व्यक्ति डेंगू बीमारी से संक्रमित हुए हैं.
जिले के महाराजगंज, बड़हरिया एवं मैरवा प्रखंड के शहरी क्षेत्रों में डेंगू बीमारी अपना कहर बरपा रहा है. डेंगू के कहर को रोकने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग, नगर पंचायत एवं नगर परिषद पूर्ण रूप से उदासीन बना हुआ है. सरकार की नजर में सीवान जिले में डेंगू बीमारी से निपटने के लिए सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन धरातल पर देखा जाए तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीजों के साथ साथ अपने वरीय अधिकारियों को भी धोखा दे रहे हैं.
डेंगू मरीजों के इलाज के मामले में सदर अस्पताल पहले ही हाथ खड़ा कर चुका है. प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों को पटना रेफर कर दिया जाता है. एंबुलेंस चालकों के रहने वाले कमरे के बाहर डेंगू वार्ड का बोर्ड लगा कर अपने कर्तव्य का निर्वहन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कर दिया है.
स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने 20 अक्टूबर को ही राज्य के सभी ब्लड बैंकों में एलाइजा कन्फर्मेशन कन्फर्मेशन जांच करने का निर्देश दिया था. सीवान सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में लगभग 1 साल ब्लड एलाइजा रीडर मशीन स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगा दिया गया था. विभाग द्वारा लगभग 15 दिन पूर्व विभाग द्वारा 292 एलाइजा जांच किट उपलब्ध करा दिया गया. चार-पांच दिन पूर्व विभाग द्वारा टेक्नीशियन को भेजकर एलाइजा रीडर मशीन की प्रोग्रामिंग भी कर दी गई. इसके बावजूद अभी तक डेंगू कंफर्मेशन जांच शुरू नहीं किया जा सका. इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग के अधिकारी कभी यह टेक्नीशियन को तो कभी मशीन खराब होने की बात बताते हैं.लेकिन सच्चाई यह है कि एलाइजा रीडर मशीन को चालू करने के लिए कुछ उपकरण एवं केमिकल की जरूरत है जो स्थानीय स्तर पर विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.
Also Read: Dengue In Patna: पटना में भयावह हुआ डेंगू का डंक, आंकड़ा पहुंचा 4900 के पास, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञडेंगू बीमारी के आउटब्रेक को लेकर प्रायः जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य के वरीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होते हैं. प्रायः ऐसा देखा जाता है कि स्थानीय अधिकारी अपने वही अधिकारियों को बीमारी से रोकथाम के संबंध में उचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दावा करते हुए वाह वाही लूटने में पीछे नहीं रहते. स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों की नजर में सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड पूर्ण रूप से कार्य कर रहा है. डेंगू बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग कंट्रोल रूम बनाने का दावा भी कर रहा है. विभाग की नजर में तो सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में एलाइजा कंफर्मेशन जांच भी शुरू हो चुका है. लेकिन धरातल पर इसकी जांच की जाए तो कुछ भी नहीं है. सदर अस्पताल में एंबुलेंस चालकों के रहने वाले कमरे के बाहर डेंगू वार्ड का बोर्ड लगा दिया गया है.