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UP News: बिना मान्यता गोरखपुर में संचालित हो रहे 183 मदरसे, चौंका रहे महराजगंज और स‍िद्धार्थनगर के आंकड़े

गोरखपुर सदर तहसील में 59 मदरसे हैं. गोरखपुर के गोला तहसील के 34 मदरसों का अभी स्थलीय सत्यापन शेष रह गया है. गोला तहसील का स्थलीय सत्यापन करने के बाद यह पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी. शासन द्वारा मिले निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. गोरखपुर में कुल 243 मदर से मान्यता प्राप्त हैं.

Gorakhpur News: शासन के निर्देश के बाद जिले में मदरसे का सत्यापन का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. अगर गोरखपुर की बात करें तो यहां 183 मदरसे ऐसे मिले हैं ज‍िन्‍हें मान्यता नहीं मिली है. सबसे ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे गोरखपुर की सदर तहसील में मिले हैं. गोरखपुर सदर तहसील में 59 मदरसे हैं. गोरखपुर के गोला तहसील के 34 मदरसों का अभी स्थलीय सत्यापन शेष रह गया है. गोला तहसील का स्थलीय सत्यापन करने के बाद यह पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी. शासन द्वारा मिले निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. गोरखपुर में कुल 243 मदर से मान्यता प्राप्त हैं. अल्पसंख्यक विभाग से इन सभी मदरसों को मान्यता मिली है.

गोरखपुर जिले में तहसीलवार बिना मान्यता वाले मदरसों की सूची

  • गोरखपुर में 59

  • चौरी चौरा में 14

  • सहजनवा में 21

  • कैंपियरगंज में 15

  • खजनी में 17

  • बांसगांव में 23

  • गोला में 34

सामने आए महाराजगंज और सिद्धार्थनगर के आंकड़े

यूपी के महाराजगंज जिले में कुल 293 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं. वहीं, 60 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं. अभी यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि महाराजगंज जिले में अभी कई और मदरसे अवैध रूप से चलते हुए मिल सकते हैं. शासन के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में मदरसों का सत्यापन कराया जा रहा है. गोरखपुर में 243 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं. महाराजगंज जिले में 260 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं. सिद्धार्थनगर में भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं. सिद्धार्थनगर जिले में भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को चिन्हित किया गया है. इसमें अधिकांश मदरसे नेपाल सीमा के पास संचालित हो रहे हैं. इस पर प्रशासन ने मदरसों के प्रबंधन से 12 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. इन मदरसों में कक्षा 1 से 5 और कक्षा 6 से 8 की शिक्षा दी जा रही थी. सर्वे रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इन मदरसों में छात्रों को अरबी व फारसी भाषा में पढ़ाया जाता है. यहां बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी की वर्णमाला नहीं पढ़ाई जाती है.

इन राज्‍यों से आ रहा चंदा

सिद्धार्थनगर जिले में मदरसों के सर्वे के दौरान बहुत से मदरसे नेपाल सीमा पर स्थित में यह सभी जिले के लोटन विकासखंड में हैं इसके अलावा अन्य मदरसे सुदूर कछार क्षेत्रों में है. सिद्धार्थनगर जिले में सर्वे में यह भी बात सामने आई है कि कई जगहों पर घर के बरामदे में 1 से 5 और  6 से 8 की कक्षाएं संचालित हो रही हैं और कहीं मदरसों के नाम पर आलीशान इमारत मौजूद है. इनका संचालन चंदों से हो रहा है. यह चंदा, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली ,हैदराबाद सहित कई महानगरों से मिलता है. कुछ मदरसा संचालक को दुबई व नेपाल के निवासी भी सहयोग में धनराशि देते हैं.

इन 12 ब‍िंदुओं पर पूछे जा रहे सर्वे के सवाल

सर्वे टीम इन सभी मदरसों से 12 बिंदुओं पर जानकारी एकत्र कर शासन को भेजेगी .इन 12 बिंदुओं में संचालन करने वाली संस्था, स्थापना वर्ष ,भवन में छात्रों की उपयुक्तता से संबंधित जैसे सुरक्षा, पेयजल, फर्नीचर ,विद्युत आपूर्ति, शौचालय आदि जानकारी एकत्र की जा रही है. मदरसों में पढ़ने वाले छात्र व छात्रा शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम, मदरसा के आय का स्रोत, छात्र का किसी अन्य संस्थान में नामांतरण, गैर सरकारी समूह की संबद्धता की सूचना भी प्राप्त की गई है. सभी जिलों में लगभग सर्वे का काम पूरा हो चुका है. कहीं थोड़ा बहुत काम बचा है तो उसे जल्द ही पूर्ण कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

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रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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