Surya Grahan, Solar Eclipse 2022 Timing: साल का आखिरी सूर्यग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी आज लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब सूरज और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता और वह सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर आने से कुछ समय के लिए रोक देता है. जानें भारत में सूर्य ग्रहण लगने का समय क्या है और कहां-कहां देखा जा सकेगा
भारत के कुछ शहरों में 1 घंटे से अधिक समय तक सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा वह शहर है-
नई दिल्ली – शाम 4:28 से 5:42 तक
मुंबई – शाम 4:49 से 6:09 तक
हैदराबाद – शाम 4:58 से 5:48 तक
बेंगलुरु – शाम 5:12 से 5:56 तक
चेन्नई – शाम 5:13 से 5:45 तक
कोलकाता- शाम 4:51 से 5:04 तक
भोपाल – शाम 4:42 से 5:47 तक
चंडीगढ़ – शाम4:23 से 5:41 तक
दिवाली के अगले दिन 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. लगभग पूरे देश में इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा. रांची में 26 मिनट और हजारीबाग मे 27 मिनट तक सूर्यग्रहण रहेगा. रांची में शाम 4:48:04 बजे सूर्यग्रहण शुरू होगा और शाम 5:15 बजे सूर्यास्त के साथ समाप्त हो जायेगा. मौसम विज्ञान केंद्र ने लोगों से सूर्यग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखने का आग्रह किया है. इससे आंख की रोशनी तक जा सकती है.
यह यूरोप, उत्तर पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के विभिन्न हिस्सों में नजर आएगा. हालांकि, भारत में भी इसे देखा जा सकेगा. भारत देश के जिन-जिन हिस्सों से इसे देखा जा सकेगा, वे इस प्रकार हैंः देश की राजधानी दिल्ली, बेंगलुरू (कर्नाटक), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), चेन्नई (तमिलनाडु), उज्जैन (मध्य प्रदेश), वाराणसी और मथुरा ( दोनों उत्तर प्रदेश में).
हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण अपराह्न 4 बजे के बाद दिखाई देगा. इसलिए भारत में इसका सूतक काल भोर में सुबह 4 बजे के बाद मान्य होगा. इसलिए गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की अपेक्षा 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा और भईया दूज 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
आकाश में जब किसी चीज का हिस्सा दूसरे ग्रह से ढंक जाता है, तब उसे ग्रहण कहते हैं. ये दो तरह के होते हैं. पहला- सूर्य और दूसरा चंद्र ग्रहण. सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब सूरज और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता (वह सूर्य की रोशनी रोकता है और चांद की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है) है और हमें सूरज का हिस्सा नहीं दिखता है. जहां-जहां भी परछाई नजर आती है, वहां सूर्य ग्रहण कहा या माना जाता है. यह तीन प्रकार का है- आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण.
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