Dengue की स्तिथि बिहार में काफी भयावह होती जा रही है. राजधानी पटना में रविवार को 251 मामले सामने आए हैं. राज्य में कुल मामले पांच हजार के पास पहुंच गए हैं. इस बीच राज्य में अब डेंगू पर सियासत शुरू हो गयी है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दीवाली के दिन पीएमसीएच में डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से मुलाकात की. मरीजों से मुलाकात के बाद सुशील मोदी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में डेंगू की समस्या विकराल होती जा रही है. अगर समय पर इसपर ध्यान दिया गया होता तो स्थिति ऐसी नहीं होती. इस बिगड़े हालत के लिए सीधे रूप से तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. मुख्यमंत्री को बिहार के लोगों से ज्यादा देश की चिंता सता रही है.
अगस्त में की गयी होती कार्रवाई तो ऐसी न होती हालत
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में अगस्त के महीने में डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा. लेकिन सरकार के स्तर पर रोकथाम की कार्रवाई नहीं की गयी. अगस्त के महीने में जब नयी सरकार बनी तो सभी अपनी राजनीति में लगे थे. नगर विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी भूमिका डेंगू के रोकथाम में है. दोनों ही विभाग उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास में है. राजधानी में जो इलाके हॉटस्पॉट बने हैं, उसमें भी फॉगिंग नहीं हो रही है. छिड़काव के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है. हर गली के आगे गंदगी का अंबार लगा है. ऐसे में डेंगू को काबू कैसे किया जा सकेगा.
प्लेटलेट्स की कमी से मरीज परेशान
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नयी सरकार बनने के बाद से एक बार भी तेजस्वी यादव ने नगर विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक नहीं की है. पहले के मंत्री हर दिन एक से दो घंटे इसके लिए देते थे. मरीज प्लेटलेट्स के लिए परेशान है. एनडीए की सरकार में इसके लिए मशीन आयी थी, जो ब्लड बैंक में धूल फांक रही है. एनएमसीएच में ये मशीन नहीं है, जबकि पीएमसीएच में ये मशीन खराब पड़ी है. सरकार ने स्थिति को केवल अधिकारी और डॉक्टरों के भरोसे छोड़ रखा है.