Diwali का उत्साह राजधानी पटना समेत राज्य में देखने को मिल रहा है. लोग घरों की साफ-सफाई और सजावट को अंतिम रूप दे चूके हैं. वहीं बच्चे पटाखा जलाने की तैयारी में है. कुछ बच्चों ने तो दोपहर से ही पटाखा फोड़ना शुरू भी कर दिया है. पटाखा जलाने में बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी सावधानी रखने के जरूरत है. हालांकि, कई बार सावधानी रखने के बाद भी दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसे में कुछ खास सावधानी रखने की जरूरत है. सबसे ज्यादा चेहरे और आंख का ध्यान रखें. पटना के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ विनोद कुमार सिंह बताते हैं कि अगर किसी भी तरह के पटाखे से हाथ या पैर या शरीर का कोई भी हिस्सा जल जाए तो कम से कम 10 से 15 मिनटों तक जले हुए हिस्से पर लगातार पानी गिराएं. इसके बाद इसमें सामान्य जलने पर लगाए जाने वाले क्रीम को लगा लें.
डॉ विनोद कुमार बताते हैं कि जरूरी नहीं है कि पटाखे से जले व्यक्ति का घाव काफी गहरा हो. मगर पटाखे की आग और बारूद की जलन काफी ज्यादा होती है. ऐसे में पानी की धार से थोड़ी राहत मिलती है. मगर घायल व्यक्ति के परिजनों को घाव की गहराई का ध्यान रखने की जरूरत है. अगर व्यक्ति ज्यादा घायल है अथवा घाव की गहराई ज्यादा है तो तुरंत अस्पताल जाएं. दर्द या जलन ज्यादा होने पर ठंडे पानी का बहाव और देर तक कर सकते हैं. साथ ही, किसी जानकारी या चिकित्सक से पूछकर क्रीम या दर्द निवारक भी ले सकते हैं.
पटना के सभी अस्पतालों में पटाखों के जलने से घायल मरीजों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. चिकित्सकों की इमरजेंसी ड्यूटी भी लगायी गयी है. पीएमसीएच में 20 बेड आरक्षित की गयी है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि जूनियर के साथ-साथ अलग से सीनियर डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगायी गयी है. विशेष डॉक्टर भी ऑन काल रहेंगे. इमरजेंसी, सर्जरी के साथ-साथ बर्न के मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिये गये हैं. खासकर बर्न यूनिट व इमरजेंसी में अलग से टीमें लगा दी गयी हैं.
पटना नाला रोड में पतंजलि आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ श्री भगवान मिश्रा बताते हैं कि जलने पर पानी से धोने से बेहतर कोई इलाज नहीं है. इसके साथ ही, अगर घाव गहरा है तो बिना देर किए किसी डॉक्टर से संपर्क करें. अगर घाव हल्का है और जलने का एरिया काफी कम है तो घरेलू उपचार कर सकते हैं. जलने के स्थान पर तुलसी का पत्ते को पिसकर लगाएं. इससे जलन कम होती है. संक्रमण का खतरा भी कम होता है. इसके साथ ही नारियल का तेल भी लगा सकते हैं. इससे भी हल्के जले स्थान पर जलन को कम करने में मदद मिलती है. साथ ही, आलू के पिसकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे भी जलन में मदद मिलती है.