Jharkhand News: अब राजधानी की युवा आबादी सोसाइटीवाले हाइराइज अपार्टमेंट में अपना आशियाना ढूंढ़ रही है. शहर में जमीन की बढ़ती कीमत और विभिन्न सुरक्षा कारणों ने युवाओं के साथ-साथ लोगों का रुझान बदल कर रख दिया है. छत और आंगनवाले घर का कॉन्सेप्ट अब पुराने दिनों की बात होती जा रही है. ऐसे में हाइराइज अपार्टमेंट में फ्लैट्स की बढ़ती मांग ने इनके निर्माण की गति भी तेज कर दी है. राज्य गठन के बाद से राजधानी में 3000 से अधिक बहुमंजिली इमारतें खड़ी हो चुकी हैं. पिछले कुछ वर्षों से क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, जिम, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स जैसी कई तरह की सुविधाओं से युक्त हाइराइज अपार्टमेंट प्रचलन में आ गये हैं.
50 से अधिक हाइराइज बिल्डिंग का निर्माण जारी
रांची शहर में इस समय 50 से अधिक हाइराइज बिल्डिंग का निर्माण जोरों पर है. ये भवनें अरगोड़ा, बरियातू, कांके रोड के अलावा पुंदाग, नामकुम, तुपुदाना और कटहल मोड़ जैसे शहर के बाहरी इलाके में भी निर्माणाधीन हैं. अगले पांच वर्षों में रांची में 100 के करीब हाइराइज बिल्डिंग तैयार खड़ी होंगी. अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सोसाइटीवाली इन हाइराइज बिल्डिंग में फ्लैट सस्ते नहीं हैं. इलाके के मुताबिक इन निर्माणाधीन भवनों में फ्लैट की कीमत चार हजार रुपये से छह हजार रुपये प्रति वर्ग फीट तक है. यानी, दो हजार वर्गफीट के एक फ्लैट की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये होती है. महंगी होने के बाद भी हाइराइज बिल्डिंग में खरीदारों की कमी नहीं है. प्रस्तावित बिल्डिंग के ज्यादातर फ्लैट बुकिंग खोलने के छह महीनों के अंदर ही बुक हो जा रहे हैं.
अपार्टमेंट में सुविधाओं के साथ मिल रही खुली जगह
मनीष रजक झारखंड सरकार में अधिकारी हैं. उन्होंने अरगोड़ा चौक से पुंदाग जानेवाले रास्ते में एक हाइराइज बिल्डिंग के 21वें तल्ले पर फ्लैट बुक किया है. पूछने पर वह कहते हैं : मेरी पोस्टिंग रांची के बाहर है. अपने घर में अकेले रहने की कई मुश्किलें हैं. सुरक्षा कारणों के अलावा रोजमर्रा की चीजों की खरीदारी भी बड़ी मुसीबत है. सोसाइटी वाले अपार्टमेंट में कई तरह की सुविधाओं के साथ खुली जगह भी मिलती है. रामगढ़ के विशाल सिंह ने बरियातू रोड की एक सोसाइटी में 17 वें तल्ले पर फ्लैट लिया है. वह कहते हैं : बच्चों की पढ़ाई की वजह से परिवार को रांची में रख रहा हूं. सोसाइटी में लिये गये फ्लैट से सुरक्षित घर कभी नहीं हो सकता है.
सुरक्षित रहती हैं हाइराइज बिल्डिंग, समय की भी है मांग
कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाइ) की झारखंड शाखा के चेयरमैन कुमुद झा कहते हैं कि हाइराइज बिल्डिंग आज समय की मांग है. जमीन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से बिल्डर हाइराइज बिल्डिंग बनाना पसंद करते हैं. विवाद रहित जमीन पर सुविधाओं के साथ फ्लैट मिलना लोगों को भा रहा है. आर्किटेक्ट सुजीत भगत कहते हैं कि सामान्य तौर पर जमीन की कमी और ऊंची कीमत के कारण बिल्डर हाइराइज बिल्डिंग बनाना चाहते हैं. रांची में जमीन की कमी होने के बाद भी हाइराइज बिल्डिंग का कल्चर थोड़ी देर से आ रहा है. बेहतर तकनीक उपलब्ध होने के कारण हाइराइज भवन पूरी तरह से सुरक्षित हैं. ऊपरी मंजिलों पर लोग शांति अनुभव करते हैं. इस कारण फ्लैटों के बिकने में परेशानी नहीं है.
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अक्तूबर में अब तक रांची में 200 फ्लैटों की रजिस्ट्री, ज्यादातर के मालिक 40 वर्ष से कम उम्र के
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अगले पांच वर्षों में रांची में 100 के करीब हाइराइज बिल्डिंग होंगी तैयार
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दो हजार वर्ग फीट के फ्लैट की कीमत एक करोड़ रुपये तक
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सुरक्षा कारण व महंगी जमीन ने बदला युवा संग लोगों का भी रुझान
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दूसरे शहरों के व्यापारी भी रांची की हाइराइज बिल्डिंग में ले रहे हैं फ्लैट
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राजधानी में खड़ी हो चुकी हैं 3000 से अधिक बहुमंजिली इमारतें
40 वर्ष से कम उम्रवालों के लिए बनी प्राथमिकता
सर्विस क्लास लोग विशेष रूप से युवा इन हाइराइज अपार्टमेंट को खूब पसंद कर रहे हैं. इस साल अक्तूबर महीने में अब तक रांची में करीब 200 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है. इनमें से आधे से अधिक भवनों की रजिस्ट्री 40 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के नाम से करायी गयी है. रजिस्ट्री कराये गये अधिकांश फ्लैट आठ मंजिला या उससे अधिक ऊंची इमारतों में हैं. दूसरे शहरों के व्यापारी भी रांची में फ्लैट बुक कर रहे हैं.