Diwali 2022: दीपावली और महा पर्व छठ के आगमन पर सुस्त पड़े कुम्हारों के चाक ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. मिट्टी के कारीगर दीपों के त्योहार को लेकर तेजी से दीये व मिट्टी के अन्य बर्तन बना रहे हैं. राजधानी पटना की बात करें तो शहर के चौक-चौराहें पर मिट्टी के दीपों की दुकानें सजने लगी है. लोग बड़ी संख्या में चीनी उत्पादों का परित्याग कर…मिट्टी से बने बर्तन और दीपों का उपयोग कर रहे हैं. जिस वजह से कुम्हारों के घर में एक बार फिर से खुशियां और रौनक लौट आयी है.
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दिवाली से कुम्हारों के चेहरे पर लौटी मुस्कान, दिन रात एक कर करेंगे मिट्टी के दीये से आपके घरों को रोशन
कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों की मांग पर्व, त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है. खासकर दीपावली से लेकर छठ तक मिट्टी के बर्तनों की मांग काफी रहती है. ऐसे में दिन रात एक कर मिट्टी के बर्तन को बनाने का कार्य किया जा रहा है.
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