Ayodhya Deepotsav: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले दीपोत्सव पर 17 लाख दीपों से अयोध्या जगमगाएगी. पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस आयोजन के साक्षी बनेंगे. कार्यक्रम की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. दीये बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है. एक वालंटियर को 85 से 90 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है.
दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि 23 अक्टूबर को दीपोत्सव पर प्रातः 9 बजे से वालंटियर्स द्वारा 37 घाटों पर बिछाये गये 17 लाख दीप को नियत समय पर प्रज्ज्वलित किया जायेगा. घाटों पर वालंटियर्स को समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश लाउडस्पीकर से दिया जा रहा है. इनके लिए जलपान और भोजन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा पुलिस प्रशासन द्वारा घाटों की निगरानी की जा रही है.
घाटों पर दीपोत्सव पहचान-पत्र के बिना प्रवेश नहीं मिलेगा. सभी स्वयंसेवक अपना पहचान पत्र अनिवार्य रूप से लगाये रहेंगे. इसके अलावा राम की पैड़ी के 37 घाटों पर घाट समन्वयक सहित दीपोत्सव पदाधिकारी तैनात रहे. अवध विश्वविद्यालय के वालंटियर्स ने शनिवार को राम की पैड़ी पर दीये बिछाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया. दीपोत्सव को भव्य एवं ऐतिहासिक बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने 37 घाटों पर 200 से अधिक समन्वयक, ग्रुप लीडर व प्रभारी नियुक्त किए हैं. 22 हजार वालंटियर्स के सहयोग से 17 लाख दीप प्रज्ज्वलित होंगे.
सुबह 10 बजे ही विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों व स्वयंसेवी संस्थाओं के लगभग 22 हजार वालंटियर्स घाटों पर तैनात कर दिये गए हैं. दीयों की गणना घाट समन्वयकों की निगरानी में शुरू कराई गई. इसके बाद विश्वविद्यालय के गणना समिति के सदस्यों द्वारा बारी-बारी से घाटों के दीयों की गणना की गई. दोपहर तीन बजे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम के सदस्यों द्वारा कैमरें से हर घाटों के दीयों की गणना प्रारम्भ की गई, जो रात तक चलेगी. दीपोत्सव भव्य बनाने के लिए 16-16 दीयों का ब्लॉक बनाया गया है. इसमें 256 दीए लगाये गये हैं. दूसरी ओर घाट संख्या दस पर रामायणकालीन प्रसंग को उकेरा गया है. इसमें भी दीये बिछाये गये हैं.
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