Muzaffarpur के कटरा थाना क्षेत्र के एक गांव में नवंबर 2019 में दुष्कर्म के बाद बिन ब्याही मां बनी पीड़िता को जांच के बाद इंसाफ मिलने की संभावना है. पीड़िता जब मां बनी, तो वह बच्चा दोनों आरोपित में से किसका था, अब इसका पता लगाने के लिए विशेष पॉक्सो कोर्ट ने इस कांड के दो आरोपित मो. सोहेब, मौलाना मकबूल और बच्चे का डीएनए जांच के लिए शुक्रवार को तिथि निर्धारित की थी. सेंट्रल जेल प्रशासन ने कोर्ट के आदेश के आलोक में आरोपित मो. सोहेब को डीएनए जांच के एसकेएमसीएच पहुंची थी.
अधिकारियों का कहना है कि दूसरे आरोपित मौलाना मकबूल के जमानत पर होने के कारण वह नहीं पहुंच पाये. इसके बाद कोर्ट ने चार नवंबर को डीएनए जांच की अगली तिथि निर्धारित कर दी है. इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से महिला थानेदार, सेंट्रल जेल प्रशासन व कोर्ट के स्पेशल पीपी को भेज दी गयी है. वहीं, जमानत पर बाहर चल रहे मौलाना की ओर से आये लोगों को भी बता दिया गया है. पुलिस की रिकॉर्ड के अनुसार, कटरा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया. इसमें आरोपित मो. सोहेब को बनाया गया था. दूसरा आरोपित सीतामढ़ी के रहने वाले मौलाना मकबूल को बताया गया. दोनों पर अलग-अलग समय में पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था. इसके बाद पीड़िता बिन ब्याही मां बन गयी. महिला थाने में नवंबर 2021 में पॉक्सो एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद तत्कालीन थानेदार इंस्पेक्टर नीरू कुमारी ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. मो. सोहेब को कटरा से पकड़ा गया था. जबकि, मौलाना को बैरिया इलाके से गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान में सोहेब सेंट्रल जेल में बंद है, जबकि मौलाना जमानत पर बाहर है.
विशेष पॉक्सो कोर्ट महिला थानेदार को आदेश दिया था कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का आरोप मो. सोहेब और मौलाना मकबूल पर लगा था. बच्चा को इस दुनिया में लाने वाला कौन है, उसका पता लगाने के लिए डीएनए जांच को लेकर आदेश जारी किया गया था. जांच का पूरा खर्च याचिकाकर्ता द्वारा उठाये जाने की बात कही गयी थी. कोर्ट ने आदेश दिया था कि हाइकोर्ट ने इस कांड में शीघ्र सुनवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद ही कोर्ट ने 21 अक्टूबर को दोनों आरोपितों की डीएनए जांच कराने को कहा था. महिला थानेदार पूर्णिमा कुमारी का कहना है कि चार नवंबर को दोनों आरोपित व बच्चे का डीएनए जांच एसकेएमसीएच में कराया जायेगा. इसके बाद उसको कोर्ट की अनुमति लेकर ब्लड सैंपल जांच को पटना एफएसएल भेजा जायेगा. वहां से रिपोर्ट आते ही कोर्ट में सौंप दिया जायेगा.