Bareilly News: भाजपा की केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यूपी के सीएम पद पर दावा ठोक दिया है. इसके बाद उनके समर्थकों के विचार आने लगे हैं. कुछ लोगों ने उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद ही दलित पिछड़ों का भला होने की बात कही है, तो वही कुछ ने अनुप्रिया को नई उम्मीद की किरण बताया है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी लोगों का आभार जता रही हैं.
अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने फेसबुक पर ‘नेक्स्ट सीएम अनुप्रिया पटेल के नाम से पेज बनाया है. ‘फेसबुक पेज पर उनका फोटो लगा है. इसके साथ ही लाखों समर्थक पेज को फॉलो कर रहे हैं. इस पेज पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के विकास कार्यों के साथ ही वीडियो और फोटो पोस्ट हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री की ‘मील का पत्थर साबित होगा एक्सपो मार्ट’, ‘अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले में पहले दिन 200 करोड़ का हुआ व्यापार’ समेत तमाम विकास कार्य और जनता के बीच की न्यूज, वीडियो और फोटो पोस्ट जा रहे हैं. इन पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
लोगों ने उनके मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद जताई है, तो वहीं कुछ उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपी के विकास की बात कह रहे हैं. इससे केंद्रीय मंत्री भी काफी खुश हैं, और धन्यवाद आदि लिखकर आभार जता रही हैं. फेसबुक पेज पर केंद्रीय मंत्री का फोटो लगा है, उनकी न्यूज के साथ ही सिर्फ उनके विकास कार्यों को पोस्ट किया जा रहा है. इससे साफ है, कि यह फेसबुक उनके द्वारा या उनके खास लोगों के द्वारा ही बनाया गया है.
लंबे समय बाद भी फेसबुक पेज पर विरोध भी नहीं आया है. जिसके चलते माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोक दिया है. अनुप्रिया पटेल पिता सोनेलाल पटेल की 2009 में मृत्यु के बाद सियासत में आई हैं.उन्होंने 2012 में वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. वह विधायक चुनीं गई.
बीजेपी और अपना दल गठबंधन से 2014 का लोकसभा चुनाव मिर्जापुर से लड़ा.वह जीतकर केंद्रीय मंत्री बनीं.2019 लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन से चुनाव लड़कर जीत हासिल की.वह केंद्र में वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री मंत्री हैं. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल से बगावत कर 2016 में अपना दल सोनेलाल (एस) बनाई थी.वह 2019 में सांसद बनीं.मगर, अब उनकी निगाह यूपी के पिछड़े मतदाताओं के सहारे यूपी के सीएम पर लगी है. यूपी में करीब 10 फीसद कुर्मी वोट है.100 विधानसभा सीट को प्रभावित करता है.
साल 2012 में अनुप्रिया पटेल वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट से विधायक बनी थी. मगर,वह 2014 में लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र में चली गई.अनुप्रिया अपनी खाली सीट पर उपचुनाव में पति आशीष पटेल को चुनाव लड़ाना चाहती थीं.मगर, उनकी मां ने अपना दावा ठोक दिया. मां कृष्णा पटेल चुनाव लड़ीं. इसके बाद मां- बेटी के रिश्ते खराब हो गए. उन्होंने मां से बगावत कर 2016 में अपना दल एस बना दी. हालांकि, नई और पुरानी पार्टी का विवाद हाई कोर्ट में भी लंबित है.
अपना दल के संस्थापक स्वर्गीय सोनेलाल पटेल की दो बेटियां हैं. अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल. उनकी छोटी बेटी अपना दल कृष्णा फूलपुर की सिराथू विधानसभा से विधायक हैं, तो वहीं अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं.अनुप्रिया पटेल ने लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमन और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी. उन्होंने मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री लेने के बाद एमिटी किया.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली