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Dengue in bihar: नर नहीं केवल Female मच्छर चूसती है खून, जानें किस वजह से आपके आसपास मंडराती है ये मच्छर

Dengue: बिहार में इन दिनों डेंगू का प्रकोप जमकर कहर ढा रहा है. बीते बुधवार को बिहार में इस सीजन का सबसे अधिक रिकॉर्ड 674 मरीज मिले. इनमें से 436 मरीज पटना के हैं.

Dengue in bihar: बिहार में इन दिनों डेंगू का प्रकोप जमकर कहर ढा रहा है. बीते बुधवार को बिहार में इस सीजन का सबसे अधिक रिकॉर्ड 674 मरीज मिले. इनमें से 436 मरीज पटना के हैं. इसके साथ ही पटना में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 4129 हो गई है. लेकिन क्या आपको पता है कि आप खुद ही मच्छरों को दावत देते हैं. एक नई रिसर्च से पता चला है कि कुछ खास लोग मच्छरों को चुंबक की तरह खींचते हैं.

मच्छर हमें क्यों काटते हैं?

बता दें कि मच्छर हमें काटते नहीं हैं, बल्कि हमारा खून चूसते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके आस-पास मंडराने वाले सारे मच्छर आपका खून नहीं पीते. बल्कि केवल फीमेल मच्छर ही ऐसा करती हैं. इससे वो अपने अंडे को विकसित और पोषित करती हैं. दरअसल, अंडे के लिए जो पोषक तत्व चाहिए होते हैं, वो उन्हें इंसान के खून में मिलते हैं. इसलिए वो अपनी सूंड जैसी ट्यूब को गड़ाकर हमारा खून चूसती हैं. 

गंध के आकर्षण में रहते हैं मच्छर

दरअसल, यह रिसर्च न्यू यॉर्क की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी में किया गया है. रिर्सचर न्यूरोबायोलॉजिस्ट डॉ. लेस्ली ने मानव शरीर के गंध को मच्छरों के आकर्षित करने को जिम्मेदार बताया है. रिसर्च के दौरान पाया गया कि जिन लोगों की तरफ मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं, उनकी त्वचा पर कई तरह के रसायन पैदा होते हैं और उनसे गंध आती है. अगर मच्छर ऐसे लोगों को संर्पक में आते हैं तो वे लंबे समय से इस गंध के आकर्षण में बने रहते हैं.

डेंगू मच्छर को भी प्रयोग में शामिल किया गया

रिसर्चरों ने इस शोध के लिए कुल 64 वॉलंटियरों को तैयार किया था. प्रयोग में एडिस एजिप्टो मच्छर का इस्तेमाल किया गया, जो पीला बुखार, जीका और डेंगू जैसी बीमारियां फैलाता है. रिसर्च में अंतिम परिणाम यह निकलकर सामने आयी है. मच्छर मीठा खून होने से नहीं. बल्कि मानव शरीर के गंध से आकर्षित होती है. बता दें कि सभी लोगों के शरीर से निकलने वाला गंध अलग-अलग किस्म का होता है.

आसान नहीं है छुटकारा

रिसर्चरों ने शोध में पाया कि जिन लोगों की बॉडी मच्छरों को ज्यादा आकर्षित कर रहे थे, उनमें एक चीज सब के अंदर थी. उनकी त्वचा पर कुछ खास अम्ल की मात्रा बहुत ज्यादा थी. ये ‘चिपचिपे कण’ त्वचा की प्राकृतिक नमी का हिस्सा हैं और हर इंसान में इनकी मात्रा अलग-अलग होती है. त्वचा पर मौजूद अच्छे बैक्टीरिया इन अम्लों को खा जाते हैं और त्वचा से आने वाली महक में इनकी कुछ हिस्सेदारी होती है. इन अम्लों से छुटकारा पाना आसान नहीं है. इसके लिए त्वचा की सेहत को नुकसान पहुंचाना पड़ेगा.

बिहार में डेंगू बढ़ने के कारण

बिहार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सबसे ज्यादा मामले शहरी इलाकों से सामने आ रहे हैं क्योंकि डेंगू का प्रसार भीड़भाड़ वाले और भीड़भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा होता है. पटना सिविल सर्जन के मुताबिक शहरी इलाके में में डेंगू संक्रमण का प्रतिशत लगभग 90 है. शहरी क्षेत्रों में डेंगू मच्छर का कारण शहरी जीवनशैली है. जहां मच्छरों को पनपने के लिए माहौल मिल रहा है. एडीज इजिप्टी मच्छर या डेंगू के लार्वा कूलर, एयर कंडीशनर, फ्लावर पॉट्स, नालियों और गड्ढों में ठहरे हुए ताजे पानी में पनपते हैं. उचित स्वच्छता सुविधाओं के बिना भीड़भाड़ वाले इलाके डेंगू संक्रमण के तेजी से फैलने का प्रमुख कारण हैं.

लक्षण जानकर हो जाएं अलर्ट

डेंगू के प्रमुख लक्षणों बुखार, शरीर और सिर में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर लाल चकता निकलना, उल्टी की इच्छा, डायरिया आदि शामिल है. हल्का बुखार भी डेंगू का लक्षण हो सकता है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो ठंड की शुरूआत होते ही डेंगू का प्रकोप कम हो जाएगा. लेकिन तब तक डेंगू के डंक से खुद को बचाने के लिए जागरूकता ही एक मात्र बचाव है.

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