Jharkhand Naxal News: पलामू जिला अंतर्गत छतरपुर थाना की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. प्रतिबंधित नक्सली संगठन MCC का हार्डकोर जोनल कमांडर और पांच लाख का इनामी नक्सली रामप्रसाद यादव उर्फ प्रसाद जी उर्फ सुजीत जी उर्फ भंडारी को छतरपुर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली का छतरपुर, नौडीहा, पिपरा, हरिहरगंज सहित बिहार के डुमरिया, इमामगंज, देव, अम्बा सहित अन्य जगहों पर आतंक था, वहीं छतरपुर सहित अन्य थानों में दर्जनों मामले दर्ज हैं.
पत्थर खदान के संचालक से लेवी की मांग की थी
जानकारी के अनुसार, छतरपुर थाना के बगईया गांव निवासी हार्डकोर नक्सली प्रसाद जी इसी गांव में संचालित पत्थर खदान के संचालक से लेवी की मांग की थी. इस दौरान सोमवार की रात पत्थर खदान के पोकलेन ऑपरेटर का कुछ ग्रामीणों की मदद से अपहरण कर मारपीट करते हुए लेवी के लिए दबाव बनाया. लेकिन, इसकी भनक पुलिस को लग गयी. पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए पोकलेन ऑपरेटर को ग्रामीणों की चंगुल से सकुशल मुक्त कराया.
पुलिस की चक्रव्यूह में फंसा नक्सली
सूत्रों के मुताबिक, पत्थर खदान संचालक से लेवी के मामले को लेकर नक्सली प्रसाद जी अपने पैतृक गांव आया था. इसकी भनक पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा को लगी. एसपी के निर्देश पर छतरपुर थाना प्रभारी शेखर कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर ढाब स्थित परिखा यादव के घर की घेराबंदी कर नक्सली प्रसाद जी को गिरफ्तार किया. वहीं, नक्सली प्रसाद जी की मदद करने के आरोप में परिखा यादव एवं उसके बेटे संजय यादव को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. साथ ही नक्सली प्रसाद जी को मदद करने वालों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापामारी कर रही है.
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पुलिस को एक दशक से नक्सली प्रसाद जी की थी तलाश
बता दें कि पलामू पुलिस को नक्सली प्रसाद जी की एक दशक से तलाश थी, हर बार अपने गांव आने वाले प्रसाद जी अक्सर पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहता था, लेकिन इस बार छतरपुर थाना प्रभारी शेखर कुमार की सूझबूझ के साथ जबर्दस्त घेराबंदी में प्रसाद फंस गया. नक्सली प्रसाद की गिरफ्तारी से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है, क्योंकी अब नक्सली संगठन के गिने-चुने सदस्य ही बचे हैं. इनमें बंधुडीह के तिलाइया निवासी हार्डकोर नक्सली अभिजीत यादव पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के लिए झारखंड-बिहार की पुलिस लगातार दबाव बनाने के लिए उसके चल-अचल संपति को जब्त किया है.