Safety Tips on Diwali: दिवाली को खुशियां का त्योहार कहा जाता है. दिवाली को लेकर लोगों में बड़ी बेसब्री से पूरा साल इंतजार करते हैं. इस दिन लोग अपनी खुशियां बांटने के लिए एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और पूरा परिवार एक साथ खूब खुशियां मनाता है. सभी साथ में पटाखे जलाते हैं मौज-मस्ती करते हैं और रोशनी का त्योहार मनाते हैं, लेकिन एक छोटी से गलती पूरे परिवार को उदासी दे जाता है. हम बात कर रह हैं दिवाली के दिन पटाखा जलाने के दौरान पटाखों के जलने से कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं, जो कई गंभीर रोगों की वजह बनती हैं. इतना ही नहीं, अगर पटाखे जलाते समय सावधानी न बरती जाए तो इससे गंभीर चोट और जलने की भी संभावना बनी रहती है. ऐसे में पटाखे जलाते समय पैरेंट्स को अपने बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी होता है…
विशेषज्ञों के अनुसार धमाकों की तेज आवाज से कान में दर्द, सुन्न होना, अस्थायी बहरापन की शिकायत हो जाती है. इंसान 90 डेसीबल तक सुनने की आदर्श स्थित में रहता है. ऐसे में 132 से 150 डेसीबल तक सुन्न होना और 200 डेसीबल से अधिक पर कान का पर्दा फट जाता है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के कान में रुई लगाकर पटाखे चलवाएं.
दिवाली के दिन पटाखे जलाते समय ध्यान रखें कि बच्चों को हमेशा कॉटन के कपड़े ही पहनाना चाहिए. बच्चों को कभी भी सिंथटिक कपड़े पहनाकर पटाखे जलाने से रोके. इस तरह के कपड़े में आग लगने की संभावना ज्यादा रहती है.
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पैरेंट्स पैसे बचाने के लिए कभी भी सस्ते पटाखे नहीं खरीदें. पटाखे हमेशा लीगल मैन्युफैक्चरर से खरीदें. पटाखों को जलाने से पहले उसके पैकेट पर लिखे सारे निर्देशों को पढ़ें और समझें. ऐसा करने से दिवाली के दिन पटाखों से हादसे नहीं होंगे.
कुछ बच्चे अपने हाथ पर लेकर पटाखे जलाने लगते हैं और पटाखे जलाते ही उसे दूर फेंक देते हैं. इससे दूसरों लोगों के चोटिल होने की संभावना ज्यादा होती है. ऐसा करने से कई बार पटाखा हाथ में ही फट जाता है और बच्चे घायल हो सकते हैं.
दिवाली के दिन पटाखे जलाते समय हमेशा घर का एक बड़ा व्यक्ति बच्चे के साथ होना जरूरी है. बच्चों को कभी भी खुद से पटाखे जलाने को न कहें.
लोग छोटी जगह पर ही पटाखे जलाना शुरू कर देते हैं. ऐसे में पटाखा से जलने की संबावना ज्यादा होती है. ऐसे में पटाखा किसी के घर में या बिजली के खंभे या तार पर लगने की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है. इसलिए पटाखा हमेशा खुले मैदान या पार्क में जलाने का निर्देश दिया जाता है.
अक्सर बच्चे पटाखा जलाते वक्त खाना पीना भी करते हैं, जो हमारे शरीर कई हानि भी पहुंचाता है. अक्सर पटाखा जलाते वक्त हाथ में बारुद लग जाते हैं. इसलिए कुछ भी खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ कर लें.
भले की कोरोना का खतरा टला हो लेकिन मास्क हमारे लिए सबसे बेहत उपाय है. पटाखा जलाने से पहले बच्चों को मास्क जरूर पहनाएं. इससे पटाखा के धुंए से बच्चों को राहत मिलेगी.