Jamshedpur News: जमशेदपुर के शारदामणि स्कूल की घटना से न केवल अभिभावक और शिक्षक, बल्कि पूरा समाज चिंतित है. लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. इसको लेकर प्रभात खबर ने अलग-अलग क्षेत्रों के 100 लोगों से बात की, जिसमें कुछ चौंकानेवाले तथ्य सामने आये हैं. सर्वे में 76 फीसदी लोगों का मानना है कि हाल के दौर में गुरु-शिष्य के रिश्ते खराब हुए हैं. इसका मूल कारण शिक्षक व विद्यार्थियों के बीच संवादहीनता है.
शिक्षकों पर अभिभावकों का भारी दबाव
जबकि 84 प्रतिशत लोगों का कहना है कि शिक्षकों पर अभिभावकों का भारी दबाव है. इस स्थिति में शिक्षक बेहतर कार्य नहीं कर पा रहे हैं. अब विद्यार्थियों की निर्भरता शिक्षक के बजाय इंटरनेट पर अधिक हो गयी है. साथ ही, आज के बच्चे ज्यादा पैंपर्ड हो गये हैं, अभिभावक उनकी हर डिमांड पूरी कर देते हैं. जिससे ना सुनने पर उनमें चिड़चिड़ापन व किसी बात को बर्दाश्त नहीं पाने की प्रवृत्ति विकसित हो रही है.
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सर्वे में बच्चों में चिड़चिड़ापन की प्रवृत्ति के लिए समाज में बढ़ते एकल परिवार को भी जिम्मेवार बताया गया है. एकल परिवार में अधिकतर बच्चे खुद मोबाइल व इंटरनेट से कई चीजें सीख रहे हैं, जो कई मामले में बुरा प्रभाव डाल रहा है. आज के बच्चों पर ट्यूशन व स्कूल की पढ़ाई के साथ अभिभावकों के अरमान पूरे करने का भी भारी दबाव है. बच्चे अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं कर पा रहे हैं. जिससे उनमें स्ट्रेस लेवल बढ़ रहा है और स्थिति आत्महत्या तक पहुंच जा रही है.
टीएमएच में भर्ती शारदामणि गर्ल्स हाई स्कूल की कक्षा नौवीं की छात्रा की तबीयत बुधवार को रात नाजुक हो गयी. डॉक्टरों ने उसे तत्काल वेंटिलेटर मशीन पर डाल दिया है. सूचना मिलने पर उपायुक्त विजया जाधव टीएमएच पहुंची. उन्होंने डॉक्टरों से छात्रा की तबीयत के बारे में जानकारी ली. अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों को छात्रा की स्थिति से अवगत करा दिया गया है. अस्पताल में क्यूआरटी समेत भारी पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गयी है. गौरतलब है कि नकल में पकड़े जाने के बाद शिक्षिका द्वारा गलत व्यवहार किये जाने से 14 अक्तूबर को छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास किया था.