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औरंगाबाद में ग्रामीणों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए खुद बनाया रास्ता, प्रशासन नहीं दिया ध्यान तो की व्यवस्था

नदी के दोनों किनारे पक्की सड़क बनी हुई है लेकिन पुलिया के निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को आवागमन में परेशानी होती है. सड़क निर्माण के वक्त लोगों में विकास की एक नयी आस जगी थी

औरंगाबाद के थवई के समीप झरही नदी के भूजवाना में पुलिया का निर्माण नहीं होने से क्षुब्ध ग्रामीणों ने खुद ही ह्यूम पाइप डालकर रास्ता बना डाला. इस जगह पर पुलिया न बनने से दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन बाधित था. खासकर, बरसात के मौसम में तमाम गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह कट जाता था. बरसात के महीने में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.

ग्रामीणों ने खुद  बनाया रास्ता 

बुधवार को समाजसेवी अशोक यादव के नेतृत्व में जेसीबी मशीन लगाकर ह्यूम पाइप डाला गया. उसके ऊपर ईंट का टुकड़ा डालकर रास्ता बनाया गया. बताया गया कि अब बच्चों व ग्रामीणों का आवागमन सुलभ हो पायेगा. ग्रामीण अशोक यादव, संजय सिंह, प्रदीप सिंह, राकेश कुमार, राहुल कुमार आदि ने बताया कि उन लोगों ने कई बार समस्या के बारे में ब्लाक अधिकारियों से शिकायत की. यहां तक कि नेताओं से गुहार लगायी, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल पाया. बच्चों को स्कूल जाने व ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय जाने में परेशानी हो रही थी. ऐसे में हम लोगों ने खुद कुछ करने के बारे में सोचा व ह्यूम पाइप डालकर तत्काल आवागमन के लिए रास्ता बनाया.

नदी के दोनों किनारे पक्की सड़क, पर नहीं बनी पुलिया

नदी के दोनों किनारे पक्की सड़क बनी हुई है लेकिन पुलिया के निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को आवागमन में परेशानी होती है. सड़क निर्माण के वक्त लोगों में विकास की एक नयी आस जगी थी, लेकिन एक अदद पुलिया निर्माण नहीं होने के कारण उक्त मार्ग न सिर्फ आधा अधूरा, बल्कि औचित्य विहीन बनकर रह गया था. हैरत इस बात की है कि सड़क निर्माण के पूर्व उक्त नदी पर पुलिया बनाने की आस जगी थी.

पुलिया निर्माण के संदर्भ में ग्रामीणों को विभागीय पदाधिकारियों और क्षेत्रीय विधायक के साथ-साथ अन्य जन प्रतिनिधियों से सिर्फ आश्वासन मिलता रहा है. भैयाराम बिगहा, महुआवा, गोगाड़ी, बरडी, नरकपि, रामदोहर, कंचनपुर समेत दर्जनों गांवों के ग्रामीण को वर्षों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बरसात खत्म होने के दो माह बाद भी रहता है पानी

बारिश का महीना खत्म होने के बावजूद नदी में लगभग दो माह तक पानी भरा रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस जटिल समस्या को ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को नदी में पुलिया निर्माण की स्वीकृति दिलाने की मांग की गयी थी. पुलिया का निर्माण कराया जाता, तो बारहों मास आवागम की सहूलियत होती. फिलहाल, काम चलाऊ रास्ता बनाया गया है. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पुलिया निर्माण की मांग की है.

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