रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी, महापुरुष, झारखंड आंदोलनकारी, खिलाड़ी समेत विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करनेवालों की जीवनी पढ़ाने की तैयारी है. झारखंड शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (जेसीइआरटी) ने झारखंड के ऐसे 42 लोगों की जीवनी तैयार की है. झारखंड गठन के बाद पहली बार राज्य में ऐसी संदर्भ पुस्तिका तैयार की जा रही है, जिससे स्कूली बच्चे झारखंड की हस्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त सकेंगे. जेसीइआरटी ने इसका प्रारूप भी तैयार कर लिया है. किताब को संदर्भ पुस्तिका के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा.
आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एकेडमिक कमेटी बनेगी, जो पहले जेसीइआरटी द्वारा तैयार सामग्री का अध्ययन करेगी. जिन लोगों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा उनके तथ्यों का भी पहले सत्यापन किया जायेगा. इसमें आवश्यकता अनुसार संबंधित व्यक्ति और उनके परिवारवालों से मुलाकात भी की जायेगी. एकेडमिक कमेटी की स्वीकृति के बाद प्रक्रिया पूरी की जायेगी. इस संदर्भ में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जायेगा.
यह संदर्भ पुस्तिका कक्षा चार से पाठ्यक्रम में शामिल की जायेगी और कक्षा 12वीं तक की किताब में इसे शामिल किया जायेगा. हर किताब में जीवनी को अलग से जोड़ा जायेगा. किताब के अंत में लोगों की जीवनी के बारे में जानकारी दी जायेगी. किस कक्षा के किताब में कितने महापुरुषों की जीवनी पढ़ायी जायेगी, इस संबंध में निर्णय कमेटी द्वारा ली जायेगी.
वर्तमान में स्कूलों में तैयार किताब एनसीइआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित है. इनमें झारखंड से जुड़ी जानकारी काफी कम है. झारखंड के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी जानकारी नहीं है. ऐसे में झारखंड में पहली बार इस तरह का किताब तैयार किया जा रहा है.
इसे अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जा सकता है. सरकार की सहमति मिलने के बाद शैक्षणिक सत्र 2023-24 में स्कूली बच्चों के लिए छपने वाली किताब में इसे शामिल किया जायेगा.
बिरसा मुंडा
सिदो-कान्हू
फूलो- झानो
तिलका मांझी
पांडेय गणपत राय
तेलंगा खड़िया
नीलाबंर-पीतांबर
ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव
वीर बुधु भगत
पोटो सरदार
ठेबले उरांव
विनोद बिहारी महतो
निर्मल महतो
देवेंद्र मांझी
रघुनाथ महतो
जतरा भगत
डॉ राम दयाल मुंडा
जयपाल सिंह मुंडा
परमवीर अल्बर्ट एक्का
राजा अर्जुन सिंह
कार्तिक उरांव
शिबू सोरेन
सिमोन उरांव
सावित्री पूर्ती
महेंद्र सिंह धोनी
मुकुंद नायक
राज्य गठन के 22 वर्ष बाद भी हमारे राज्य के महापुरुषों व महत्वपूर्ण हस्तियों के बारे में बच्चों को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. बच्चे यह सब नहीं पढ़ेंगे, तो झारखंड और उसके गौरव को कैसे जानेंगे. अगले सत्र से इसे लागू करने की तैयारी है. झारखंड से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी आनेवाले दिनों में पाठ्यक्रम में शामिल की जायेगी.
जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री
रिपोर्ट- सुनील झा