सारण जिला के मांझी में पिछले 48 घंटें के अंदर डायरिया से लगभग दो सौ लोग बीमार होकर सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज कराने पहुंचे हैं. मांझी में अब डायरिया ने पूरी तरह से महामारी का रूप ले लिया है. मांझी सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पिछले 48 घंटे के अंदर डायरिया के शिकार मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगभग चार दर्जन लोग इलाज हेतु सीएचसी में आ चुके हैं.
निजी अस्पतालों तथा अपने घरों में इलाजरत मरीजों की संख्या भी एक सौ के आसपास बतायी जा रही हैं. इसके अलावा डायरिया से गंभीर रूप से पीड़ित लगभग दो दर्जन मरीज छपरा सदर अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं. मरीजों के इलाज हेतु अस्पताल प्रबंधन जरूरी दवाओं व पानी की बोतलों की कमी को देखते हुए निजी दुकानों से भी खरीददारी कर रहा है. मरीजों के इलाज में लगे चिकित्सकों ने महामारी फैलने में प्रथम दृष्ट्या पीएचइडी की टंकी से हो रही सप्लाई वाले दूषित पेय जल तथा केमिकल युक्त फास्ट फूड को कारण बताया है. डायरिया महामारी की वजह से मांझी नगर पंचायत क्षेत्र में अफरा तफरी तथा दहशत का माहौल बना हुआ है.
मांझी नगर पंचायत में फैली डायरिया को लेकर मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एकमा सामुदायिक केंद्र से एक एंबुलेंस तथा स्टाफ को बुलाया गया हैं. किसी मरीज कोई परेशानी ना हो इस इस लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार ने डायरिया मरीजों के इलाज के लिए एक टीम बनायी हैं. इस टीम में चार डॉक्टरों और आधा दर्जन कर्मियों को लगाया गया हैं.
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महामारी फैलने की बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार के निर्देश पर महामारी फैले मुहल्ले का डॉक्टरों की टीम ने भ्रमण किया. इस दौरान डॉक्टरों ने लोगों से अपील किया कि डायरिया का लक्षण महसूस होने पर तुरंत सीएचसी पहुंच कर इलाज करायें. आसपास की गुमटी वाले दुकान से दवा खरीद कर नहीं खाने इस के अलावा लोगों को गर्म पानी तथा ओआरएस का घोल पीने की भी अपील की गयी है.