पटना के सबसे पॉश इलाके पटलीपुत्र में दिनदहाड़े फिल्मी स्टाइल में हत्या ने पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है. घटनास्थल से पुलिस को 9एमएम पिस्टल की कुल आठ खोखे मिले. इसके बाद एक अन्य खोखा राहगीर को मिला, जो उसने पुलिस को सौंप दिया. जिस जगह पर यह घटना हुई वहां सुबह से देर रात तक कचरा बिनने वाले का जमावड़ा लगा रहता है.
घटनास्थल के बारे में लाइव रिपोर्ट बताते हुए डंपिंग यार्ड के हेड गार्ड विनोद से जब प्रभात खबर के संवाददाता ने बात की तो उसने बताया कि काफी देर से दो बाइक सवार खड़े थे. सभी मास्क और हेलमेट पहने हुए थे. दोनों बाइक पर एक-एक शख्स बैठा हुआ था बाकी के लोग बार-बार अटल पथ के पास जाकर देख रहे थे. करीब 9 बज रहा होगा. इतने में एक सफेद रंग की कार जैसे ही अंदर आयी कि एक शख्स ने पहले पीछे से फायरिंग की. इसके बाद ड्राइवर गाड़ी को भगाने की कोशिश करता कि कार के दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी. बीच में पीपल का बड़ा पेड़ होने की वजह से ड्राइवर को कार भगाने में नहीं बना तो उसने कार को दीवार से रगड़ते हुए भगाया. तबतक अपराधियों द्वारा कई राउंड फायरिंग किया जा चुका था. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों बाइक पर तीन-तीन शख्स सवार होकर अटल पथ के रास्ते फरार हो गये. गार्ड ने बोला कि थोड़ी देर के लिए पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा. पत्नी के बयान पर एसकेपुरी थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. वैसे भाई ने फर्द बयान में कई लोगों के नाम बताये हैं.
छोटे भाई पंकज ने पुलिस को बताया कि पिछले एक सप्ताह से बस्ती निवासी दो कुख्यात अपराधी लगातार धमकी दे रहा था. इसके अलावा पंडारक के दो अपराधी के बारे में पैसों के लेनदेन का विवाद चल रहा था. उन्होंने बताया कि पूर्व में ही जो गोलीबारी हुई थी उसमें भी बस्ती के दो लोग शामिल थे. इस मामले में कुल 14 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया था.
बड़े भाई नीरज ने बताया कि कल धीरज किसी काम से सालिमपुर गया था. देर रात साढ़े दस बजे के करीब बख्तियारपुर फोर लेन के पास एक ढ़ाबा में ड्राइवर और दो अन्य लोग के साथ खाना खाया था. इसके बाद वह देर रात घर पहुंचा. सुबह में 8:51 के करीब वह उनके मोबाइल पर फोन आया और वह चाय पीकर घर से निकल गये. परिजनों के मुताबिक वह महेश नगर स्थित अपने दोस्त के घर भी आते-जाते रहते थे.
भाई नीरज कुमार ने बताया कि मां के नाम पर शैलपुत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी खोला था. दो साल के करीब खोला था, लेकिन किसी बात को लेकर वह कंपनी बंद हो गयी. सूत्रों ने बताया कि उसमें कई और पार्टनर थे, जो पंडारक, बाढ़ और मोकामा के रहने वाले थे. इसी में पैसे का विवाद चल रहा था. बड़े भाई ने बताया कि जब पिछले साल पत्नी मुखिया बनी तो कंस्ट्रक्शन कंपनी बंद कर दिया.
पुलिस ने शक के आधार पर ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है. पुलिस को शक है कि कोई पल-पल की जानकारी दे रहा था. वह कब घर से निकला, कहां पहुंचा और किसी रास्ते से वह आयेगा यह पूरी जानकारी अपराधियों को मिल रहा था. जिस नंबर से फोन आया है वह भी पुलिस ने खंगाल लिया है. साथ ड्राइवर के मोबाइल को भी जब्त कर लिया. सूत्रों ने बताया कि लाइनर कोई करीबी है और जल्द ही पता चला जायेगा. घटना की पूरी प्लानिंग की गयी है और इससे पहले पूरा रेकी किया गया है कि वह कब-कब कहां-कहां जाता है.
धीरज सिंह को एक बेटी सीखा और बेटा केशव है. बेटी ने हाल ही में नीट में अच्छा रैंक लाया है, फिलहाल काउंसिलिंग चल रही है. वहीं बेटा केशव दिल्ली में नीट की तैयारी कर रहा है. पिता की मौत की सूचना के बाद वह पटना के लिए रवाना हो गया है. घटना के बाद पूरे परिवार में सन्नाटा पसर गया है. मां और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है.