Bathing Habits: अक्सर हमारे बुजुर्ग हमें भोजन के बाद स्नान नहीं करने की सलाह देते हैं. आयुर्वेद में भी ऐसा नहीं किए जाने की बात बताई जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके साथ ही कुछ अन्य स्नान की आदतें भी बेहद आम हैं, जिससे पाचन तंत्र समेत स्वास्थ्य की अन्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती है. आइए जानते है, इस बारे में एक्सपर्ट की राय क्या है…
इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम के साथ विशेष बातचीत में आहार विशेषक्ष डॉ. गरिमा गोयल ने बताया कि हमारा शरीर जटिल तरीकों से काम करता है और हमारे सभी कार्यों के संभावित परिणाम होते हैं. स्नान करने के तरीके निश्चित रूप से उनमें से एक हैं. वहीं, इस मुद्दे पर आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ डिंपल जांगडा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर तीन चीजों की सूची बनाई है और बताया कि स्नान करते समय हमेशा इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि शॉवर से पहले एक गिलास गर्म या कमरे के तापमान के अनुसार पानी शरीर में रक्तचाप से संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है. उन्होंने बताया कि गर्म पानी पीने से आपके शरीर को अंदर से गर्मी मिलती है. जिसके परिणामस्वरूप, रक्त वाहिकाओं का विस्तार होता है. इससे उनके माध्यम से अधिक रक्त प्रवाहित होता है. इससे रक्तचाप कम होता है. परिणामस्वरूप त्वचा की सतह पर एक समान संचार प्रणाली का फैलाव होता है.
बताया गया कि पूरा भोजन करने के बाद कभी भी स्नान नहीं करना चाहिए. इससे पाचन शक्ति कमजोर होती है. दरअसल, पेट और आंत में एक गर्म ऊर्जा है, जो पाचन, अवशोषण और पोषक तत्वों को आत्मसात करने में सहायता करती है. विशेषज्ञ ने कहा कि खाने के बाद शरीर पाचन प्रक्रिया में मदद करने के लिए रक्त को पाचन तंत्र में भेजता है. स्नान करने पर पेट से रक्त प्रवाह विचलित होता है और इसे त्वचा की सतह पर ले जाता है. उन्होंने कहा कि भारी भोजन के बाद स्नान करने से कुछ मामलों में ऐंठन, अपच या सूजन हो सकती है. इन प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, भोजन के कम से कम एक घंटे बाद स्नान करना आदर्श हो सकता है. इसके विपरीत, भोजन से पहले स्नान करने से आपके शरीर में स्फूर्ति आती है.
सूर्यास्त के बाद हमारा शरीर ठंडा होने लगता है, जो इस बात का संकेत है कि सोने का समय हो गया है. विशेषज्ञ ने बताया कि सोने से पहले शॉवर लेने से त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे शरीर की गर्मी अंदर ही अंदर फंस जाती है. यह शरीर के तापमान में वृद्धि का कारण बन सकता है, जिससे आपकी रात की नींद बाधित हो सकता है. इसके अतिरिक्त, जब आप स्नान करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए हृदय के स्तर से नीचे गुनगुने पानी का उपयोग करें और अपने संवेदनशील इंद्रियों की रक्षा के लिए अपने चेहरे के लिए कमरे के तापमान के पानी का उपयोग करें. थोड़ा गर्म पानी केवल बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और बीमार लोगों के लिए उपयोग किया जाता है.
ठंडे पानी से स्नान या बर्फ से स्नान कभी-कभी किया जाता है. एक बर्फ स्नान तुरंत सूजन को कम करता है. आपके शरीर से लैक्टिक एसिड को बाहर निकालने में सहायता करता है और आपके रक्त वाहिकाओं को कसने का कारण बनता है. आप अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शॉवर लेने से पहले पूरे शरीर की तेल मालिश भी कर सकते हैं.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.