जगरनाथ पासवान, गुमला
Gumla News: गुमला जिले के कई गांवों में डिजिटल इंडिया फेल है. आज भी कई गांव हैं, जहां मोबाइल टावर व नेटवर्क नहीं है. इसका खमियाजा गांव के राशनकार्ड धारियों को उठाना पड़ रहा है. गांव में नेटवर्क नहीं रहने के कारण डीलर को जंगल व पहाड़ पर चढ़कर नेटवर्क ढूंढ़ना पड़ता है. नेटवर्क जिस पहाड़ में मिलता है. वहीं पास राशन का वितरण होता है. यह मामला रायडीह प्रखंड के कोंडरा पंचायत स्थित कसीरा, मोकरा, बाकोना, कोनकेल, भंडार टोली, टोगेंत टोली आदि गांवों का है.
10 किमी चलने पर मिलता है राशन
जहां आजादी के 75 साल बाद भी मोबाइल टावर नहीं पहुंचा है. इतना ही नहीं, लोगों को राशन लेने के लिए 8-10 किलोमीटर कोनकेल गांव की ऊंची पहाड़ियों में जाकर ई-पॉश मशीन में अंगूठा लगाना पड़ता है. फिर दूसरे या तीसरे दिन राशन लेने के लिए राशन डीलरों के पास जाना पड़ता है. यह स्थिति कोई एक दिन की नहीं है. जबकि जब से ई-पॉश मशीन शुरू हुई है. तब से लोगों को इसी परेशानी से जूझना पड़ रहा है.
दशकों पीछे हम जी रहे हैं : देवेंद्र
युवा समाजसेवी देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि एक दर्जन गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से विकास का काम धीमा हो गया है. नेटवर्क के अभाव में लोगों को किसी प्रकार की निजी व सरकारी योजना के लाभ की कोई सूचना या जानकारी नहीं मिल पाती है. लोग कई दशक पीछे चले रहे हैं. नेटर्वक का न होना एक चिंतनीय विषय है. इसका निराकरण हम सभी को मिलकर करना होगा.
वृद्ध भी पहाड़ चढ़ते हैं : ग्रामीण
बाकोना गांव निवासी सीताराम उरांव ने कहा कि नेटवर्क के अभाव के कारण हम लोगों को राशन लेने लिए कई दिन काम छोड़कर पहाड़ों व दुनकानदारों के पास जाना पड़ता है. कई वृद्ध लोगों को भी पहाड़ों में चढ़ना पड़ता है. पानी, बिजली, धूप आदि मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. राशन डीलरों का भी कहना है कि यदि मोबाइल टावर लग जाये तो हजारों लोगों को एक ही दिन में अंगूठा लगवाकर राशन दिया जा सकता है.
उपायुक्त से मोबाइल टावर की मांग
इस मुददे को लेकर ग्रामीणों ने गांव में बैठक भी की है. ग्रामीणों ने गुमला उपायुक्त से गांव में मोबाइल टावर लगाने की मांग किया है. ग्रामीणों ने कहा है कि राशन लेने में परेशानी के अलावा बच्चों की पढ़ाई, टीवी, मोबाइल का उपयोग सहित कई प्रकार की परेशानी झेलनी पड़ रही है. ग्रामीण सीताराम उरांव, सुमित्रा उरांव, विमला कुमारी, ममता कुमारी, प्रियंका उरांव, हीरा उरांव, जानकी लोहार, सुखसेन खड़िया, कार्टीन उरांव, संजय लोहरा, पारसनाथ उरांव ने कहा कि प्रशासन हम गरीबों की मदद करें.