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UP बनेगा ग्लोबल टेक्सटाइल हब, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 लागू

उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने के लिये यूपी टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 लागू कर दी गयी है. इसमें जमीन खरीदने, ज3उपक्रम लगाने, बिजली टैरिफ में छूट से लेकर रोजगार सृजन अनुदान भी दिया जाएगा. 10 हजार करोड़ के निजी निवेश और पांच लाख नये रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है.

Lucknow: यूपी को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने के लिए यूपी टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 लागू कर दी गयी है. यह पॉलिसी प्रदेश के टेक्सटाइल क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने, रोजगार को बढ़ावा देने, युवाओं को वस्त्र एवं गारमेंट क्षेत्र में व्यवसाय करने के लिये प्रोत्साहित करने, बुनकरों के बच्चों को स्वरोजगार में प्राथमिकता में मदद करेगी. उत्तर प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी.

यूपी 24 करोड़ उपभोक्ताओं वाला देश का सबसे बड़ा घरेलू बाजार

मंत्री राकेश सचान ने कहा कि यूपी टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 के माध्यम से वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र में 10 हजार करोड़ के निजी निवेश को आकर्षित कर 5 लाख नये रोजगार सृजित किये जाने का लक्ष्य है. 24 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा घरेलू बाजार है. प्रशिक्षित श्रमिकों/बेहतरीन बुनकरों का गृह क्षेत्र है. राज्य में वस्त्र एवं परिधान उद्योग के विकास के लिए पानी, प्रशिक्षित जनशक्ति और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है.

जमीन खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 100 फीसदी की छूट

निवेश की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है. सरकारी संस्थाओं, औद्योगिक प्राधिकरणों/सरकारी विभागों द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों के लिए जमीन खरीद पर भूमि लागत का 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. राज्य या केंद्र सरकार या उनके उपक्रमों से भूमि खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट, गौतम बुद्ध नगर में 75 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.

प्लांट एवं मशीनरी के खरीद पर 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी

वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों को प्लांट एवं मशीनरी के खरीद पर 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों को स्वयं के उपयोग हेतु अवस्थापना सुविधायें जैसे सड़क, जल आपूर्ति एवं जल निकासी, विद्युत आपूर्ति के लिये परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 03 करोड़ तक अनुदान दिया जाएगा.

वर्कर हॉस्टल/डॉरमेट्री के लिए परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अनुदान

इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) एवं डीजी सेटों की स्थापना के लिए परियोजना लागत के 50 प्रतिशत अधिकतम 05 करोड़ रुपये दिया जाएगा. प्रति इकाई की सीमा तक आंतरिक प्रशिक्षण सुविधा के लिये परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम रुपये 2.5 करोड़ तक, स्टाफ क्वार्टर, वर्कर हॉस्टल/डॉरमेट्री के लिए परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 5 करोड़ रुपये की सीमा तक अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि  प्लांट एवं मशीनरी के लिये वाणिज्यिक बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण के सापेक्ष भुगतान किये गये वार्षिक ब्याज की कुल धनराशि का 60 प्रतिशत ब्याज उपादान प्रतिपूर्ति के रूप में अधिकतम 07 वर्षों तक दिया जाएगा.

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट

नई इकाईयों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट 10 वर्षों तक दी जाएगी. मेगा एवं सुपर मेगा गारमेंटिंग इकाईयों को 3200 रुपये प्रति श्रमिक प्रति माह रोजगार सृजन अनुदान 5 वर्षों तक दिया जाएगा. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई गारमेंटिंग इकाईयों को फैक्ट्री से पोर्ट तक ले जाने के लिये माल भाड़े में छूट 5 वर्षों तक दी जाएगी. प्रथम 02 वर्षों में 75 प्रतिशत, अगले 02 वर्षों के लिये 50 प्रतिशत, अंतिम वर्ष में 25 प्रतिशत भाड़ा का अनुदान दिया जाएगा.

रेशम रीलिंग इकाई को 20 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी

निजी क्षेत्र में कम से कम 25 एकड़ भूमि पर टेक्सटाइल पार्क विकसित करने के लिये उद्यमियों को परियोजना लागत का (भूमि लागत छोड़कर) 50 प्रतिशत अधिकतम 50 करोड़ की सीमा तक वित्तीय सुविधा दी जाएगी. रेशम उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिये 01 करोड़ तक लागत वाली रेशम रीलिंग इकाई को 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिड और 01 करोड़ या अधिक पूंजी निवेश करने वाली रेशम रीलिंग इकाई को 20 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी.

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