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Moonlighting पर Infosys और Wipro के बाद TCS के भी तेवर कड़े, कहा- बर्बाद हो जाएगा कर्मचारी का करियर

जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर 'मूनलाइटिंग' कहा जाता है. 'मूनलाइटिंग' को लेकर छिड़ी बहस के बीच टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मुख्य परिचालन अधिकारी ने कहा कि मूनलाइटिंग पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कोई नहीं रोक सकता.

TCS On Moonlighting: इंफोसिस और विप्रो के बाद अब टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भी मूनलाइटिंग के विरोध में उतर आई है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा है कि ‘मूनलाइटिंग’ यानी नौकरी के साथ दूसरे संस्थान के लिए काम करने को लेकर किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई उसका करियर बर्बाद कर सकती है और इस मुद्दे से निपटने के दौरान सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है.

जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है. ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर छिड़ी बहस के बीच सुब्रमण्यम ने कहा कि मूनलाइटिंग पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कंपनी को कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई सेवा समझौते का एक हिस्सा है लेकिन युवा कर्मचारियों को इसे रोकना होगा.

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सुब्रमण्यम ने कहा, कार्रवाई करने का नतीजा यह होगा कि कर्मचारी का करियर खत्म हो जाएगा. इस तरह कर्मचारी भविष्य में अगली नौकरी के लिए पृष्ठभूमि की जांच में विफल हो जाएगा. इसलिए हमें कुछ सहानुभूति दिखानी होगी. उन्होंने कहा कि कंपनी एक कर्मचारी को परिवार का हिस्सा होने की तरह देखती है और किसी भी कार्रवाई के परिणामों को देखते हुए परिवार के सदस्य को भटकने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों में प्रतिभा की बढ़ती मांग के बीच 220 अरब डॉलर से अधिक के आईटी उद्योग में नौकरी के साथ अन्य काम पकड़ने के मामले सामने आये है. टीसीएस जैसे कई कंपनियों ने इसके बारे में चिंता व्यक्त की है जबकि विप्रो ने 300 कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है. वहीं, टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों ने ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर नरम रुख दर्शाया है.

टीसीएस के सीओओ ने कहा कि कुछ आईटी कंपनियां ऐसे मॉडल पर काम करती हैं जहां कर्मचारियों का ‘फ्रीलांसिंग’ करना ठीक है. लेकिन टीसीएस जैसी कंपनियां मूनलाइटिंग जैसी गतिविधि को जारी नहीं रहने दे सकती क्योंकि ग्राहक का आंकड़ा सुरक्षित रहना चाहिए. (इनपुट : भाषा)

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