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kartik: कार्तिक मास में न करें मांसाहारी भोजन, जानें इसका वैज्ञानिक कारण

kartik: कार्तिक महीना भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी तथा तुलसी माता की पूजा का खास महत्व है. इसके अलावा इस महीने में यक्षराज कुबेर, यमदेव, भगवान धन्नवंतिर की भी पूजा की जाती है. इसलिए इस मास में खान-पान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.

kartik: अधिकांश हिंदू लोग कार्तिक के महीने (kartik Month)का पालन करते हैं, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर (Hindu calendar) में सबसे पवित्र महीना है. वे पूरे महीने उपवास रखते हैं और केवल रात में ही खाना खाते हैं. दिलचस्प बात यह है कि ऐसे कई काम हैं जिन्हें करने से भक्तों को मना किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार ये महीना भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) तथा तुलसी माता की पूजा (Tulsi Mata Worship) का खास महत्व है. इसके अलावा इस महीने में यक्षराज कुबेर, यमदेव, भगवान धन्नवंतिर की भी पूजा की जाती है. इसलिए इस मास में खान-पान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.

कार्तिक मास में इन बातों का रखें ध्यान

पौराणिक ग्रंथों में कार्तिक मास (kartik Month) को उत्तम महीना भा माना जाता है. इस महीने में कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस दौरान खानपान से लेकर दैनिक दिनचर्या पर विशेष जोर दिया गया है. इस महीने के दौरान पेड़ काटने, बाल काटने और फूल और फल तोड़ने जैसी गतिविधियों से इनकार किया जाता है. इसी प्रकार इस महीने में पशु हत्या भी निषिद्ध है और मांसाहारी भोजन (non-vegetarian food) करना भी पाप माना जाता है. ऐसे में ये बातें कुछ लोगों को अजीब भी लगता है, लेकिन इसके कई कारण हैं.

वैज्ञानिक कारण

मांस-मछली (meat and fish) नहीं खाने के वैज्ञानिक कारण भी है. यह वह समय है जब बारिश का मौसम आ रहा है और सर्दी बस शुरू हो रही है, और अब यह है कि मछलियां आमतौर पर चिकनपॉक्स (chickenpox) से पीड़ित होती हैं.

मांस-मछली को इसलिए मना किया जाता है

दूसरी ओर मांस-मछली (meat and fish) खाने से इनकार किया जाता है क्योंकि इस महीने में भेड़, बकरी और मुर्गी प्रजनन की प्रक्रिया में होती हैं. यदि इन जानवरों और पक्षियों का मांस उनके प्रजनन काल में खाया जाता है, तो मानव शरीर में कई बीमारियां फैलने का डर होता है.

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कार्तिक मास में मनुष्य की पाचन शक्ति कमजोर रहती है

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार कार्तिक मास (kartik month 2022) में मनुष्य की पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है और शाकाहारी भोजन की अपेक्षा मांसाहारी भोजन (non-vegetarian food) को पचने में पेट को दो से तीन दिन का अधिक समय लगता है. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस महीने में मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं, वे स्वस्थ जीवन जीते हैं. इस महीने को हिंदू कैलेंडर में एक शुभ अवधि माना जाता है. इस अवधि के दौरान कई हिंदू जप साधना और पूजा करते हैं. इसलिए वे मांसाहार का सेवन नहीं करते हैं.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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