रांची: रिम्स के कैदी वार्ड के शौचालय का रॉड काटकर जेजेएमपी उग्रवादी अमित उरांव अपराधी मसरूर आलम के साथ फरार हो गया. घटना शनिवार की देर रात की है. मसरूर हजारीबाग जेल से इलाज के लिए कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था. पुलिस की जांच में पाया गया कि हजारीबाग जिला बल का हवलदार सोमलाल हांसदा ड्यूटी के दौरान सो रहा था. रांची पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर हजारीबाग एसपी ने उसे निलंबित कर दिया है. वहीं दूसरी ओर रांची जिला के सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार और कोर्निलियस बिलुंग को एसएसपी ने शो- कॉज किया है.
घटना की सूचना बरियातू थाना पुलिस को रात करीब दो बजे मिली. इसके बाद दोनों कैदियों की तलाश शुरू की गयी. दूसरे थानों की पुलिस को भी अलर्ट किया गया. हालांकि दोनों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मौके पर सुरक्षा में तैनात कुछ गार्ड गायब थे, वहीं दूसरी ओर कुछ सो रहे थे. इसी का फायदा उठा दोनों भाग गये.
सूचना मिलने पर रविवार को सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार भी जांच के लिए पहुंचे. उन्होंने बताया कि मसरूर आलम मर्डर केस का आरोपी था. दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए संबंधित जिला पुलिस को भी अलर्ट किया गया है.
इस मामले में कैदी वार्ड के सुरक्षा प्रभारी सब-इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें बताया गया है कि कैदी वार्ड में कुल 20 कैदी इलाज के लिए भरती कराये गये हैं. इनकी सुरक्षा में रांची पुलिस लाइन से चार गार्ड तैनात हैं. जिनकी ड्यूटी मुख्य गेट में होती है. कैदी की संख्या अधिक होने पर जिला बल से कैदी के साथ आये हवलदारों व आरक्षियों की भी कैदी वार्ड के पीछे ड्यूटी लगायी जाती है.
15 अक्तूबर को हजारीबाग जिला बल के हवलदार सोमलाल हांसदा, चाईबासा जिला बल से हवलदार राम अवतार राम, जमशेदपुर जिला बल से गंदरू गोप, गुमला जिला बल से आरक्षी नागेश्वर बैठा, लातेहार जिला बल से प्रदीप कुलू और रांची जिला बल से राम कुमार टुडू की ड्यूटी लगी थी. शनिवार की देर रात करीब 1.30 बजे रांची जिला बल के हवलदार कोर्निलियस विलुंग ने नवीन कुमार को सूचना दी कि लोहरदगा जिला के सेन्हा निवासी अमित उरांव उर्फ अमित भगत (26) भाग निकला है. इसके साथ ही गढ़वा जिला के पिपरा निवासी मसरूर आलम खान उर्फ बबलू खान भाग निकला है.
कैदी वार्ड में भर्ती मसरूर आलम और अमित उरांव का इलाज यूरोलॉजिस्ट डॉ अरशद जमाल की देखरेख में चल रहा था. इसमें कैदी मसरूर आलम को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था. रेफर करने के बाद उसको बाहर ले जाने की जिम्मेदारी संबंधित जेल प्रशासन और पुलिस की होती है, लेकिन वह फिलहाल भर्ती था. वहीं, अमित उरांव का इलाज अभी रिम्स में चल रहा था.
अमित उरांव पहले नक्सली संगठन में था, बाद में वह जेजेएमपी में चला गया. उस पर गुमला के कई थानों में केस दर्ज हैं. उसे गुमला कारा से 19 जुलाई 2022 को रिम्स के कैदी वार्ड में भरती कराया गया था. मसरूर आलम को हजारीबाग जेल से 29 अगस्त को कैदी वार्ड में भरती कराया गया था. उस पर गढ़वा में मामला दर्ज है.
कैदी वार्ड में भर्ती मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी ही रिम्स प्रबंधन की है. सुरक्षा का जिम्मा सुरक्षाकर्मियों का है. वार्ड में डॉक्टर,नर्स और पारा मेडिकल कर्मियों के प्रवेश से पहले उनकी पहचान और जांच की जिम्मेदारी भी सुरक्षाकर्मियों की है. वार्ड में क्या भेजा जा रहा है, इसकी जांच की जिम्मेदारी भी उनकी ही है.
डॉ हिरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक रिम्स
भागने के लिए शौचालय के जिस रॉड को काटा गया, वह क्षतिग्रस्त भी हो गया था. अगर रॉड काटा गया, तो काटने के लिए हेक्सा ब्लेड कहां से आया. या रॉड कमजोर होने से दोनों कैदियों ने मिलकर इसे तोड़ दिया. इससे पूर्व भी रिम्स के वार्ड से कुछ लोग इलाज के दौरान भाग चुके हैं. 28 अप्रैल 2022 को रिम्स से पुलिस को चकमा देकर हजारीबाग से लाया गया आरोपी मो वारिस भाग निकला था, लेकिन बाद में वह पकड़ा गया. इसी तरह इलाज के दौरान 2021 में कृष्ण मोहन झा भाग निकला था, लेकिन वह बाद में पकड़ा गया.