Jharkhand news: झारखंड नेशनल फिल्म फेस्टिवल (Jharkhand National Film Festival) के मौके पर जमशेदपुर आये हिंदी सिनेमा के मशहूर विलेन रंजीत बेदी ने अपने अनुभव साझा किया. इस मौके पर अभिनेता पंकज झा, फेमिना मिस इंडिया की फाइनलिस्ट रिया तिर्की, जमशेदपुर के उभरते कलाकार संजीव जायसवाल, स्वराज बारीक, अशोक विश्वनाथन और अनिल रामचंद्रन मौजूद थे. सभी ने सिनेमा विषय पर आधारित टॉक शो में सिनेमा जगत से जुड़ी अपने अनुभवों को साझा किया.
आज के फिल्मों में लगता है बहुत पैसा : रंजीत
आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मास कॉम एंड जर्नलिज्म ने झारखंड नेशनल फिल्म फेस्टिवल पर टॉक शो का आयोजन किया. इस टॉक शो में शामिल होने जमशेदपुर आये बॉलीवुड के मशहूर विलेन रंजीत बेदी ने कहा कि आज की फिल्मों में बहुत अधिक पैसा लगाया जाता है. पहले की हीरोइनें रात-रात भर रिहर्सल करती थी. पहले बनने वाली फिल्में ऐसी होती थी जिन्हें हम पूरे परिवार के साथ देखा करते थे, लेकिन बदलते समय के साथ फिल्मों में काफी बदलाव हुआ. उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें भी विद्यार्थियों के साथ साझा की.
वर्तमान दर्शकों की पसंद के अनुसार बन रही है फिल्में : संजीव जायसवाल
26/11 फिल्म तथा जमशेदपुर के अभिनेता संजीव जायसवाल ने अपनी बात कहते हुए कहा कि आज यदि सिनेमा में कुछ बदलाव हुआ है, तो इसकी वजह यह है कि दर्शक भी अब पहले वाले नहीं रह गये हैं. इसलिए उनकी पसंद को देखते हुए आज फिल्में बनायी जा रही है.
अभिनेता बनने के लिए घर छोड़कर मुंबई जाने की जरूरत नहीं : पंकज झा
अभिनेता पंकज झा ने कहा कि हम जो चीजें आम जीवन में नहीं कर पाते उन्हीं चीजों को हम फिल्मों के माध्यम से दिखाना चाहते हैं. अभिनेता बनने के लिए घर छोड़ कर जाने की जरूरत नहीं है. सिनेमा जगत में आज गिरावट आयी है और इसे सुधारने की अत्यंत आवश्यकता है तभी सिनेमा जगत सत्यजीत रे जैसे निर्देशक को दोबारा प्राप्त कर सकेगा. वहीं, अनिल रामचंद्रन ने अपनी बात कहते हुए कहा कि आज जमाना बदल गया है. आज अभिनेताओं में समर्पण की भावना है और साथ ही सिनेमा जगत में भी बहुत कुछ बदला है.
श्रीनाथ यूनिवर्सिटी में कुल 24 फिल्में दिखायी गयी
इस टॉक शो में श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल डॉ भाव्या भूषण ने अतिथियों से सिनेमा जगत से जुड़े कई सवाल पूछे. वहीं, इस मौके पर कुल 24 फिल्में दिखायी गयी. इस दौरान श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सह झारखंड नेशनल फिल्म फेस्टिवल के संरक्षक सुखदेव महतो समेत अन्य मौजूद थे.