सत्यजीत दुबे की फिल्म ‘ए जिंदगी ‘ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और आज ही राजस्थान सरकार की ओर से फिल्म के लिए एक बड़ी खुशखबरी भी आ गई हैं. राजस्थान सरकार ने इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा कर दी है. पेशे से खुद डॉक्टर रह चुके और निजी जिंदगी में अंग प्रत्यारोपण को बेहद करीबी से देखनेवाले नवोदित निर्देशक अनिर्बान बोस और शिलादित्य बोरा द्वारा निर्मित फिल्म ए जिंदगी अंगदान के महत्व को जीवंत करती है और यह एक अविश्वसनीय सच्ची घटना पर आधारित है.
फिल्म के निर्माता शिलादित्य बोरा ने राजस्थान सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि, “हम इस नेक पहल और उनके सहयोग के लिए राजस्थान सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं. इसे टैक्स-फ्री बनाने से अधिक लोगों को प्रेरणा, दिलासा और इस डर से उबरने में मदद मिलेगी जो जिंदगी से हताश हो जाते है, ये फिल्म उनके लिए एक उम्मीद की किरण से कम नही हैं.” ‘ए जिंदगी’ डॉक्टर, नर्स और तमाम मेडिकल फ्रंटलाइनर के जज्बे को दिखाती है, इस फ़िल्म में एक्ट्रेस रेवती एक ग्रीफ काउंसेलर का किरदार निभा रही हैं. जो मरीज को दर्द से उबरने में मदद करती हैं.
इस फिल्म की कहानी विनय और उससे जुड़े लोगों के दर्द के इर्द-गिर्द घूमती हैं जो ऑर्गन डोनर की खोज कर रहे हैं. सच्ची घटनाओं से प्रेरित फिल्म प्यार, उपचार और आशा जैसे संवेदनशील विषयों का मेल हैं. 26 वर्षीय लीवर सिरोसिस रोगी विनय चावला (सत्यजीत दुबे) की यात्रा को दर्शाती है. इंडस्ट्री के लोग सत्यजीत दुबे की एक्टिंग स्किल की तारीफ करते नही थक रहे हैं.
इस फिल्म को लेकर सत्यजीत दुबे का कहना है कि, ‘बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता संजय दत्त ने उन्हें कॉल कर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मैंने तुमसे कहा था एक दिन तुम्हारा अच्छा वक्त आएगा और मुझे लगता है इस फ़िल्म के जरिए तुम्हारा वह वक़्त आ गया है.’ बता दें, सत्यजीत ने संजय दत्त की होम प्रोडक्शन फिल्म ‘प्रस्थानम’ में उनके बेटे का किरदार निभाया था.
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फ़िल्म के साथ अपने अनुभव को शेयर करते हुए सत्यजीत ने कहा,”इस फ़िल्म की कहानी मेरी ज़िंदगी से काफी मिलती जुलती है. मेरे दादा जी की मौत के बाद मेरी दादी ने “मुन्ना दादा” की आंखे डोनेट की थी. जिससे एक बच्ची और 55 साल की महिला आज दुनिया को देख सकती हैं. जब आप यह फ़िल्म देखेंगे तो सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या रियल लाइफ में ऐसा हो सकता है? आप महसूस करेंगे कि आपके एक कदम उठाने से कितने लोगों की ज़िंदगी बच सकती है.”