धनबाद : धनबाद शहर के हवा में धूलकण की मात्रा अधिक है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. केंद्र सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में धनबाद शहर को भी शामिल किया है. केंद्र सरकार के निर्देश पर हवा को शुद्ध करने के लिए नगर निगम ने 187 करोड़ की कार्ययोजना तैयार की है. प्रदूषण विभाग व आइएसएम आइआइटी सहायक की भूमिका में काम कर रहा है. पांच साल की योजना है. पहले साल के लिए 77 करोड़ का बजट पास किया गया है.
9.50 करोड़ का वाटर स्प्रिंकलर, मैकेनिक स्वीपर मशीन, डेसलेगिंग मशीन खरीदी गयी. 12 करोड़ का पेवर ब्लॉक बिछाया गया. दो करोड़ का मोहलबनी व मटकुरिया शमशान घाट में विद्युत शवदाह गृह बनाया जा रहा है. 16 करोड़ का प्लांटेशन का टेंडर फाइनल हो गया है. 17 करोड़ के सीएडंडी प्लांट का टेंडर भी फाइनल हो गया है. शहर के 10 जगहों पर 8.25 करोड़ का एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. दूसरे फेज में 110 करोड़ की कार्य योजना तैयार की गयी है. नगर विकास विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद दूसरे फेज में उसपर काम होगा.
हवा को शुद्ध करने में असर सोशल इंपैक्ट एडवाइस एजेंसी सलाहकार की भूमिका निभायेगी. सोमवार को नगर निगम व असर के बीच करार हुआ. निगम को जहां-जहां आवश्यकता होगी. एजेंसी वहां सलाहकार की भूमिका निभायेगी.
पहले साल के लिए 77 करोड़ की योजना हुई पास
9.50 करोड़ का वाटर स्प्रिंकलर, मैकेनिक स्वीपर मशीन, डेसलेगिंग मशीन खरीदी गयी
12 करोड़ का पेवर ब्लॉक बिछाया गया
दो करोड़ का बनाया जा रहा विद्युत शवदाह गृह
16 करोड़ का प्लांटेशन व 17 करोड़ के सीएडंडी प्लांट का टेंडर हो गया है फाइनल
शहर की 10 जगहों पर लगायी जायेगी वायु मॉनिटरिंग सिस्टम
कुछ योजनाएं टेंडर प्रोसेस में है तो कुछ का डीपीआर नहीं बना है.
दूसरे फेज में 110 करोड़ की तैयार की गयी योजना
15 वें वित्त आयोग के फंड पर्यावरण पर खर्च होगा. फर्स्ट फेज में मशीन खरीदी गयी है. पेवर ब्लॉक बिछाये जा रहे हैं. प्लांटेशन का टेंडर फाइनल हो गया है. वाटर स्प्रिंकलर, रोड स्वीपिंग मशीन, डेसलेगिंग मशीन खरीदी गयी है. इसका उपयोग किया जा रहा है. एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने के लिए 10 जगहों को चिन्हित किया गया है. हवा के साथ पानी को भी शुद्ध किया जा रहा है. तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.
सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त
वायु प्रदूषण के कारण सांस की बीमारी दमा व ब्रोंकाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ी है. सरकारी अस्पताल में हर दिन औसतन 200 से 250 मरीज पहुंचते है. इनके अलावा फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, निमोनिया, ल्यूकमेनिया, स्ट्रोक सहित दिल की बीमारी लोगों को शिकार बना रही है.
डॉ आलोक विश्वकर्मा, सीएस, धनबाद