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पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर शहर में नहीं है बस स्टैंड, जहां-तहां वाहनों के खड़े होने से लगता है जान

पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर शहर में बस पड़ाव नहीं होने से वाहन जहां-तहां खड़े होते हैं. इससे शहर में हर दिन जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. इसके बावजूद किसी का ध्यान इस समस्या की ओर नहीं जाता है.

Common Man Issues: पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर में वर्ष 1918 में नगरपालिका की स्थापना की गयी. कई तरह के उतार-चढ़ाव को देखने वाला यह नगरपालिका अब नगर परिषद में तब्दील हो गया, लेकिन यहां अभी भी सुविधाओं से जनता वंचित हैं. चक्रधरपुर शहर (Chakradharpur City) में एक बस पड़ाव अब तक नहीं बन पाया है. रेलवे के रनिंग रूम के समीप जमीन पर लंबी दूरी को अघोषित बस पड़ाव का रूप दे दिया गया है.

चक्रधरपुर शहर में हमेशा लगता जाम

पड़ाव नहीं होने के कारण रांची- चाईबासा मुख्य मार्ग स्थित एनएच-75E के पवन चौक, मंजिल स्टोर, खादी भंडार, हनुमान मंदिर, नगर परिषद कार्यालय, चेकनाका, अनुमंडल अस्पताल, प्रखंड कार्यालय, पोड़ाहाट स्टेडियम, रेलवे ओवर ब्रिज के ऊपर, ओवर ब्रिज के नीचे, एलआईसी बिल्डिंग के समीप, कुसुमकुंजू मोड़, इतवारी बाजार आदि जगह में अवैध रूप से यात्री बसों को खड़ा किया जाता है. इससे हमेशा सड़क जाम रहती है. इसके अलावा छोटी सवारी गाड़ियों से भी शहर में बनाए गए अवैध स्टैंड में यात्रियों को वाहन में बैठाया और उतारा जा रहा है. जिससे आवाजाही करने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

लाखों की लागत से बना बस पड़ाव हुआ बेकार

यात्री सुविधा के लिए रेलवे फाटक के समीप करीब चार साल पहले नगर परिषद द्वारा बस पड़ाव के लिए 20 लाख रुपये खर्च कर यात्री सेड एवं 24 लाख रुपये खर्च कर 10 दुकानों का निर्माण कराया गया है. दोनों योजनाएं पूर्ण होने से पहले ही बस पड़ाव बंद हो गया. जिससे सरकार का लाखों रुपये बेकार हो गये. उसके बाद नगर परिषद द्वारा बस पड़ाव में एक रेन बसेरा का भी निर्माण कराया गया है.

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रेलवे ओवरब्रिज बनने से बंद हुआ बस पड़ाव

चक्रधरपुर रेलवे फाटक के समीप यात्रियों की सुविधा के लिए बस पड़ाव बनाया गया था, लेकिन रेलवे ओवरब्रिज बनने के कारण बस पड़ाव बेकार साबित हो गया, क्योंकि बस पड़ाव जाने के लिए बड़े वाहनों की सुविधा नहीं है. बस पड़ाव में एक भी बस खड़ी नहीं होती है. बस पड़ाव अब गैरेज एवं बालू-गिट्टी रखने का अड्डा बन गया है.

बस पड़ाव के लिए जमीन तलाश नहीं सका नगर परिषद

चक्रधरपुर में बस पड़ाव निर्माण के लिए नगर परिषद एक जमीन की तलाश नहीं कर भाई है. बस पड़ाव नहीं रहने के कारण अधिकांश बसें सड़क के किनारे खड़ी होती है. जिससे आये दिन सड़क जाम की समस्या से लोगों को गुजरना पड़ रहा है.

शहर वासियों की जुबानी-उनकी परेशानी

जामिद के चंदन महतो ने कहा कि चक्रधरपुर में बड़े-बड़े नेता होने के बावजूद एक बस पड़ाव का निर्माण नहीं हो सका. जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है. आए दिन दुर्घटना हो रही है. वहीं, बनमालीपुर के मायधर ज्योतिष ने कहा कि चक्रधरपुर शहर में मंत्री, विधायक, नगर परिषद अध्यक्ष हैं, लेकिन विकास के नाम पर अभी भी कुछ नहीं हुआ है. जनता यह सोचने पर विवश है कि आखिर चक्रधरपुर में कब बनेगा एक बेहतर बस पड़ाव. लाऊजोड़ा के अर्जुन मुंडा का कहना है कि चक्रधरपुर शहर को रेल नगरी के नाम से पहचाना जाता है, लेकिन एक बस पड़ाव की सुविधा नहीं है. जिससे रोजाना सड़कों पर जाम लगी रहती है. इसके अलावा चंद्री के रवि महतो ने कहा कि चक्रधरपुर शहर में बस पड़ाव नहीं होने से यात्रियों को यात्रा करने में दिक्कतें हो रही है. बस को जहां-तहां रोक कर यात्रियों को उतारा और चढ़ाया जा रहा है, जिसके कारण ही शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न होती है.

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रिपोर्ट : रवि मोहंती, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम.

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