UP News: राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संरक्षक सुप्रसिद्ध विचारक के एन गोविंदाचार्य की गंगा संवाद यात्रा बुधवार 11 अक्टूबर को नरौरा डैम ब्रिज से शुरू हुई. लगभग 12 किलोमीटर लंबी यात्रा गांव विचपूरी सैलाब व गांव रसलपुर होते हुए दोपहर में गुनौर पहुंची. रात्रि विश्राम गांव जुनावाई में होगा.
केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि गौ और गंगा भारत की निशानी हैं. वे किसी के साथ पक्षपात नहीं करती. चाहे कोई जात का हो, कोई संप्रदाय का हो, कोई भाषा का हो, गंगा जीवनदायिनी के रूप में सभी को जल प्रदान करती है. गाय अमृत रूपी दूध देती है. यात्रा के माध्यम से हम जन-जागरण कर रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ एवं सुरक्षित रहे. इसलिए कोशिश कर रहे हैं कि गंगा प्रदूषण मुक्त हो, अविरल व निर्मल बहे.
गाय जिसने वर्षों तक दूध से पाला हो, बूढ़ी होने पर उसे छोड़ना उचित नहीं है. गाय किसान के घर के खूंटे पर ही सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि सरकारों ने अब तक गंगा की सफाई पर आम जनता के हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. इसके बावजूद अनेक स्थानों पर नालों से बिना शोधित हुए गंदा पानी गंगा में पहुंच रहा है. स्वस्थ व स्वच्छ गंगा के लिए सरकार अपना काम करे व समाज अपनी जिम्मेदारी समझे.
हम सरकार की बात सरकार से व समाज की बात समाज से करने में विश्वास रखते हैं. यह यात्रा समाज की भूमिका व सक्रिय सहभाग के लिए प्रोत्साहित करने के लिये है. ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं ने शिकायत की कि गांव, कस्बों में सफाई की बड़ी समस्या है. बस्ती में सड़क मार्ग टूटे-फूटे हैं. सरकार की ओर से इन कार्यों को नहीं किया जा रहा है. जिससे बरसात में सब बह कर गंगा में चला जाता है.
बूढ़ी-छोड़ी गाय खेती बरबाद करती है, उन्हें भगाने की कोशिश करते हैं तो गाय हिंसा पर उतारु हो जाती है. भगाने के लिए मारने पर भीड़ व पुलिस वाले मारते-परेशान करते हैं. कल तीसरे दिन यात्रा गुनौर तहसील के गांव जुनावाई से आरंभ होगी व जिला संभल के बैरपुर/कादराबादमें पहुंचकर समाप्त होगी.