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LPG Subsidy: एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी देना पेट्रो कंपनियों को पड़ रहा भारी, 22000 करोड़ रुपये देगी सरकार

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है.

नई दिल्ली : भारत में उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर मुहैया कराना पेट्रोलियम कंपनियों के लिए भारी पड़ रहा है. दावा किया जा रहा है कि पिछले दो सालों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रसोई गैस की कीमतों में करीब 300 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके बावजूद, भारत की पेट्रोलियम कंपनियां उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर रसोई गैस मुहैया करा रही हैं. इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर रसोई गैस सिलेंडर बेचने के एवज में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार पेट्रोलियम कंपनियों को करीब 22,000 करोड़ रुपये का अनुदान देगी.

घाटे की भरपाई के लिए कंपनियों को पैसा देगी सरकार

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को रसोई गैस एलपीजी के घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान देगी. नई दिल्ली में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से घरेलू रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है.

रसोई गैस की कीमतों में 300 फीसदी बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी है. सरकार की ओर से यह अनुदान जून 2020 से जून 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा. तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं. बताया जा रहा है कि जून 2020 से जून 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 फीसदी की वृद्धि हुई.

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उपभोक्ताओं को रियायती दर पर मिलती है रसोई गैस

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उपभोक्ताओं पर लागत में बढ़ोतरी का पूरा भार नहीं डाला गया है. उन्हें रियायती दरों पर रसोई गैस उपलब्ध कराई जाती है. बयान में कहा गया कि इस दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में केवल 72 फीसदी की वृद्धि हुई और ऐसे में इन तीनों कंपनियों को उल्लेखनीय नुकसान हुआ. बयान में आगे कहा गया है कि इस घाटे के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने देश में रसोई गैस की लगातार आपूर्ति की है.इसलिए सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एकमुश्त अनुदान देने का फैसला किया है.

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