सूचना क्रांति के दौर में साइबर स्वच्छता (Cyber Hygiene) बेहद जरूरी है. साइबर क्राइम (Cyber Crime) का शिकार होने से बचना है, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. साइबर स्वच्छता का ध्यान रखेंगे, तो साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बच जायेंगे. ये बातें बुधवार को साइबर एसपी कार्तिक एस ने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) में आयोजित ‘साइबर जागरूकता सप्ताह: जागरूकता ही बचाव’ अभियान के तहत दी.
साइबर एसपी ने कहा कि इन्फॉर्मेशन रिवोल्यूशन (Information Revolution) के दौर में व्यक्ति के दो व्यक्तित्व हो गये हैं. एक जो वह है और दूसरा जो वह वर्चुअल वर्ल्ड (Virtual World) में दिखाना चाहता है. सोशल मीडिया (Social Media) में व्यक्ति खुद को वैसा दिखाता है, जैसा असल में वह होता नहीं है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम से सुरक्षित रहना है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. उन्होंने बताया कि गूगल (Google) आपकी हर बात सुन रहा है. हर जगह आपके साथ है. आपकी हर सूचना उसके पास है.
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कार्तिक एस ने कहा कि गूगल ही नहीं, बल्कि वो तमाम कंपनियां आपका डेटा ले रही हैं, जिसका ऐप (App) आपने अपने फोन में या लैपटॉप में डाउनलोड किया है. इसलिए जरूरी है कि गूगल ब्राउजर (Google Browser) में आप सेफ्टी चेक्स को सेट (Set Safety Checks) करें. इनकॉग्निटो में जाकर थर्ड पार्टी कुकीज को ब्लॉक (Block Third Party Cookies) कर दें. उन्होंने कहा कि इनकॉग्निटो मोड (Incognito Mode) में गूगल आपकी सूचना नहीं जुटा पायेगा. हां, जिस कंपनी की साइट आप खोल रहे हैं, वो आपका डाटा कलेक्ट कर सकता है.
साइबर एसपी ने कहा कि गूगल से रिटायर्ड एक अधिकारी ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि गूगल का इस्तेमाल करने वाले हर शख्स का प्रोफाइल कंपनी के पास है. वह कहां जा रहा है, किससे मिल रहा है, क्या खरीद रहा है, क्या खा रहा है, सब कुछ. उस अधिकारी ने यह भी दावा किया कि एक व्यक्ति अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहा था. उसे गूगल की ओर से बताया गया अभी उसकी गर्लफ्रेंड उससे कितनी दूर है और वह उसके लिए किस दुकान से गुलाब खरीदे.
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कार्तिक एस ने बताया कि आपके जीवन में गूगल की दखलंदाजी इस कदर हो चुकी है कि आप कहीं यात्रा के लिए निकल रहे होते हैं, तो वह आपको जगाता है कि एयरपोर्ट के लिए आपके निकलने का समय हो गया. हम कार से किस रूट से यात्रा करते हैं, उसके बारे में भी उसे पता है. तभी तो आजकल वह सटीक समय बताता है कि आप रांची से हजारीबाग या पटना कितनी देर में पहुंच जायेंगे. यहां तक कि आपकी सारी तस्वीरें गूगल के पास सेव हैं.
साइबर एसपी ने बताया कि किसी भी अनजान लिंक को क्लिक न करें. यह मालवेयर हो सकता है. यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि फेसबुक (Facebook) या इंस्टाग्राम (Instagram) के लिए आप व्यक्ति नहीं हैं. आप सिर्फ एक डाटा हैं. आपका डाटा, तो उसके लिए डाटा है ही. उन्होंने बताया कि आज सरकार भी अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार ऑनलाइन ही कर रही हैं. ऐसे में आप मिलते-जुलते नामों और आवाज से ठगे जा सकते हैं. सो, सावधान रहें.
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कार्तिक एस ने कहा कि व्हाट्सएप (WhatsApp) अभी इंड टू इंड इनक्रिप्शन है. कंपनी का दावा है कि वह आपकी सूचना किसी को शेयर नहीं करती. लेकिन, अगर किसी दिन किसी हैकर ने व्हाट्सएप में सेंध लगा दी, उस दिन क्या होगा? अगर आपने इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर किसी के साथ अपना बैंक अकाउंट और उसका पासवर्ड शेयर किया है, तो वह उसके पास पहुंच जायेगा. फिर आपकी सारी सूचना लीक हो जायेगी.
साइबर एसपी ने आगाह किया कि मुफ्त में पाइरेटेड फिल्म (Pirated Film Providing Apps) उपलब्ध कराने वाले एप्स को डाउनलोड न करें. टोरेंट (Torrent) एक ऐसा एप है, जो आपको अधिकतर फिल्मों की पाइरेटेड कॉपी उपलब्ध करा देता है. लेकिन बदले में वह आपका बहुत सारा डाटा ले लेता है. यह बेहद खतरनाक है. आपका डेटा वह किसको-किसको बेच रहा है, इसके बारे में आपको पता भी नहीं चलता.
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उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 6 अक्टूबर को साइबर क्राइम जागरूकता दिवस लांच किया था. इसके बाद देश भर में साइबर जागरूकता सप्ताह, साइबर जागरूकता पखवाड़ा और साइबर जागरूकता माह मनाया जा रहा है. इसी के तहत झारखंड में भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. आज के कार्यक्रम में साइबर एसपी कार्तिक एस के अलावा साइबर डीएसपी नेहा बाला समेत कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.