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‘कर्मवीर पुरस्कार 2022’ से सम्‍मानित होंगे महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय के वीसी प्रो रजनीश शुक्‍ल

प्रो शुक्‍ल की हाल ही में प्रकाशित पुस्‍तक ‘भारतीय ज्ञानपरंपरा और विचारक’ की काफी चर्चा हुई है. इसी पुस्‍तक पर उन्‍हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान, लखनऊ द्वारा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी पुरस्‍कार से पुरस्‍कृत किया गया है.

शिक्षा के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्‍ल ‘आज का कर्मवीर पुरस्कार-2022’ से सम्‍मानित किये जायेंगे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा प्रो शुक्‍ल को यह पुरस्‍कार 16 अक्टूबर को मुंबई में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जायेगा.

हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत के हैं ज्ञाता 

सौंदर्यशास्त्र, आलोचना, ललित निबंध आदि विषयों के पारखी आचार्य रजनीश कुमार शुक्‍ल हिंदी, अंग्रेजी एवं संस्‍कृत भाषा के अच्छे जानकार है. ‘काण्‍ट का सौंदर्यशास्त्र’, ‘वाचस्पति मिश्र कृत तत्त्वबिंदु’, ‘अभिनवगुप्त : संस्कृति एवं दर्शन’, ‘गौरवशाली संस्कृति’, ‘स्वातंत्र्योत्तर भारतीय दार्शनिक पृष्ठभूमि’, ‘एन इंट्रोडक्‍शन टू वेस्‍टर्न फिलॉसफी’, ‘अभिनवगुप्‍त : कल्‍चर एंड फिलॉसफी’, ‘शिक्षा जो स्‍वर साध सके’, ‘सनातन और निरंतर सभ्‍यता का पक्ष’ जैसी कृति के रचयिता प्रो शुक्‍ल की हाल ही में प्रकाशित पुस्‍तक ‘भारतीय ज्ञानपरंपरा और विचारक’ की काफी चर्चा हुई है. इसी पुस्‍तक पर उन्‍हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान, लखनऊ द्वारा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी पुरस्‍कार से पुरस्‍कृत किया गया है.

रजनीश कुमार शुक्‍ल कुशीनगर के रहने वाले हैं

25 नवंबर, 1966 को भगवान बुद्ध की निर्वाण स्‍थली कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में जन्‍मे आचार्य शुक्‍ल की उच्‍च शिक्षा महात्‍मा गांधी काशी विद्यापीठ तथा काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय, वाराणसी में हुई. वे सन 1991 से संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय, वाराणसी में तुलनात्‍मक धर्म एवं दर्शन विभाग के आचार्य हैं. प्रो. शुक्‍ल भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद् तथा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् के सदस्‍य सचिव रहे हैं. प्रखर राष्‍ट्रवादी एवं सामाजिक समरसता के पक्षधर आचार्य शुक्‍ल की भारतीय धर्म-दर्शन में गहरी रुचि है. वे संस्‍कृति-दर्शन, भाषा-दर्शन, कला-दर्शन, तत्त्व-दर्शन, भारती-विद्या एवं सा‍भ्‍यतिक-विमर्श के अध्‍येता हैं.

कई पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित

आचार्य शुक्‍ल वर्ष 2020 में मोस्‍ट डेडिकेटेड वाइस चांसलर अवार्ड (गोल्‍डन एम अवार्ड), संस्‍कृत साहित्‍य-दर्शन एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय योगदान हेतु वाग्‍योग-चेतनापीठम्, वाराणसी द्वारा वाग्‍योग सम्‍मान, वर्ष 2018 में धर्मसंघ काशी द्वारा करपात्र गौरव सम्‍मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान, लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश भाषा सम्‍मान, वर्ष 2004 में अखिल भारतीय दर्शन परिषद् द्वारा कांट त्रिशताब्‍दी सम्मान सहित कई सम्‍मानों से सम्‍मानित हो चुके हैं.

आयोजन समिति के अध्यक्ष आरपी सिंह ने बताया कि यह पुरस्‍कार असाधारण रूप से कार्य करने वाले व्यक्तित्व को प्रदान किया जाता है. विषय विशेषज्ञों द्वारा पुरस्‍कार हेतु चयनित किया जाता है. यह पुरस्कार नौकरशाही, व्यापार, रक्षा, शिक्षा, मनोरंजन, स्वास्थ्य, सूचना तकनीकी, कृषि, कला और संस्कृति, न्यायपालिका, राजनीति, सामाजिक, खेल, मीडिया, पुलिस सेवा आदि क्षेत्रों के लोगों को उनके उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए दिया जाता है.

शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के लिए मिल रहा पुरस्कार

सम्मान समारोह में डॉ सोमा घोष को कला और संस्कृति, ब्रिगेडियर बीजी पाठक को रक्षा सेवा, प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, प्रो. ममीडाला जगदीश कुमार और प्रो. करुणा शंकर उपाध्याय को शिक्षा, डॉ. पवन सिंह को राजनीति, फिल्‍म निर्माता व निर्देशक श्री विवेक अग्निहोत्री, भारतीय अभिनेत्री सुश्री रश्मि देसाई और मिस्टर गगन मलिक को मनोरंजन के क्षेत्र में तथा कई अन्‍य हस्तियों को उनके उत्‍कृष्‍ट कार्य हेतु आज का कर्मवीर उत्कृष्टता पुरस्कार-2022 से सम्‍मानित किया जाएगा. डॉ. पुष्पेंद्र पाल सिंह को मीडिया के क्षेत्र में आज का कर्मवीर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड-2022 से सम्‍मानित किया जायेगा.

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