22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कालेधन पर करारा प्रहार : स्विस अथॉर्टी ने भारत समेत 101 देशों के साथ साझा किए बैंक अकाउंट्स

स्विट्जरलैंड ने कर मामलों में सूचनाओं के स्वत: अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए वैश्विक मानक अपनाने के लिए प्रतिबद्ध किया है.

बर्न : भारत में टैक्स चोरी रोकने, उसके भुगतान में सुधार करने और कालेधन की वापसी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2018 में स्विट्जरलैंड के सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान (एईओआई) समझौता किया था. इस समझौते के बाद स्विट्जरलैंड की ओर से भारत ने वित्तीय खातों पर सूचना की चौथी लिस्ट प्राप्त की है. स्विस अथॉर्टी ने भारत समेत दुनिया के करीब 101 देशों के साथ उनके यहां के नागरिकों के द्वारा स्विस बैंकों में जमा की गई रकम वाले खाते को साझा किया है.

नाम, पता और टिन के साथ साझा किया सूचना

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्जरलैंड ने कर मामलों में सूचनाओं के स्वत: अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए वैश्विक मानक अपनाने के लिए प्रतिबद्ध किया है. समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारत को नाम, पते, करदाता पहचान संख्या (टिन) और खाता संख्या और प्रत्येक रिपोर्ट करने योग्य व्यक्ति के खाते की शेष राशि प्राप्त हुई है, जिससे भेजे गए डेटा की सटीक जानकारी मिलती है.

34 लाख खातों का ब्योरा साझा किया

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्विस अधिकारियों द्वारा ऑनली टैक्स के उद्देश्य के तहत स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारतीय नागरिकों के रकम और उसके खातों की तमाम जानकारियों को साझा करने की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी. स्विस अथॉर्टी की ओर से भेजे गए आंकड़ों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास टैक्स से जुड़ी कार्रवाई के लिए सुरक्षित रखा जाता है.

टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार ने उठाए सख्त कदम

टैक्स की संभावित चोरी पर वैश्विक स्तर पर गुप्त बैंक खातों की जानकारियां हासिल करने के लिए सरकार की ओर से इस प्रकार के सख्त कदम उठाए गए हैं. सोमवार को स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने 101 देशों के साथ करीब 34 लाख वित्तीय खातों का ब्योरा साझा किया. इस साल, पारस्परिक सूचनाओं के वार्षिक आदान-प्रदान में कुल 101 देश शामिल थे. इसमें अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की को 96 देशों की मौजूदा सूची में जोड़ा गया.

Also Read: OMG! कोरोना काल में भी कालाधन? 2020 में स्विस बैंकों में भारतीयों ने ब्लैक मनी डिपॉजिट कराने में तोड़े 13 साल का रिकॉर्ड
2018 में भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ किया समझौता

बता दें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में टैक्स सिस्टम में सुधार करने और स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय नागरिकों के कालेधन का पता लगाने और उसे देश में वापस लाकर उस पर टैक्स लगाने के अभियान की शुरुआत की. इसके तहत भारत ने स्विट्जरलैंड की सरकार से गुप्त खातों की जानकारियां साझा करने के लिए समझौता किया. इस समझौते के बाद यह लगातार चौथा साल है, जब स्विट्जरलैंड ने अपने यहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों के जमा पैसों के गुप्त खातों की जानकारियां साझा की है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें