Jayaprakash Narayan Jayanti: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 नवंबर को है. 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिला स्थित सिताब दियारा में जन्म लिये जयप्रकाश नारायण आगे चलकर लोकनायक कहलाए और उनके आंदोलन को जेपी आंदोलन के नाम से जाना गया जो आज के दिनों की राजनीति में भी प्रासंगिक है. जयप्रकाश नारायण के आंदोलन ने देश की सत्ता को हिलाकर रख दिया है. जेपी ने छात्र जीवन से ही संघर्षों को गले लगाया था. वो विद्वान थे और विदेश जाकर शिक्षा ली थी.
जयप्रकाश नारायण का विवाह 1920 में प्रभावति के साथ हुआ. वहीं जयप्रकाश 1922 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गये थे जहां उन्होंने 1922-1929 के बीच कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-बर्कले, विस्कांसिन विश्वविद्यालय में समाज-शास्त्र का अध्ययन किया. जयप्रकाश नारायण इन दिनों आर्थिक संकट के दौर से भी गुजरे.
विदेश में पढ़ाई महंगी थी और जयप्रकाश इसका खर्च उठाने में उस समय सक्षम नहीं थे. लेकिन उन्होंने वहीं पर इसका रास्ता निकाला और उन्होंने खेतों, कम्पनियों और रेस्टोरेंट तक में काम किया और पैसे अर्जन किये.
जयप्रकाश नारायण ने एमए की डिग्री हासिल कर ली. लेकिन अचानक उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़कर ही वापस भारत लौटना पड़ा. दरअसल, उनकी मां की तबीयत बिगड़ गयी और इस कारण से उन्होंने अपना पुत्र धर्म निभाते हुए वापस स्वदेश लौटने का फैसला किया और पी॰ एच॰ डी॰ पूरी किये बिना भारत लौट आए.
भारत लौटे जयप्रकाश नारायण देश के लिए समर्पित हो गये थे. वो लगातार अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आन्दोलन का हिस्सा बने रहे. अंग्रेजों के नाक में दम करने वाले जयप्रकाश को गिरफ्तार करके जब जेल में बंद कर दिया गया तो हजारी बाग जेल से फरार तक हो गये थे. महात्मा गांधी उन्हें काफी पसंद करते थे.
आजादी के बाद लोकनायक ने राजनीतिक दल का गठन किया. इंदिरा गांधी को सत्ता से हटाने में उनकी बड़ी भूमिका रही. सम्पूर्ण क्रान्ति के नायक जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में 8 अक्टूबर 1979 को हो गया.
Posted By: Thakur Shaktilochan