मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 120 वीं जयंती पर मंगलवार 11 अक्टूबर को नगालैंड के दीमापुर जायेंगे. वहां वो लोकनायक की जयंती को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. नागालैंड में जेपी जयंती के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम चार बजे सीएम पटना लौटेंगे.
पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री बापू सभागार में जेपी की कहानी-सीएम की जुबानी कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा , प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा , जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद रहेंगे.
जदयू नेता प्रो रणवीर नंदन ने बताया कि “जेपी की कहानी-सीएम की जुबानी” कार्यक्रम में नयी पीढ़ी को जेपी की कहानी नीतीश कुमार की जुबानी से अवगत कराया जायेगा. पटना की कलमजीवी जनता जेपी की कहानी और उनके संघर्ष की गाथा सुनना चाहती है. साथ में नयी पीढ़ी को जेपी की संघर्ष व सादगी की कहानियां को जानने की जरूरत है. जेपी ने पूरे देश के स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी थी. इसलिए उनके विचारों को नयी पीढ़ी को जानने की जरूरत है. जेपी ने प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति सहित कई पदों के ऑफर को किस तरह से ठुकरा कर देश की सेवा बिना किसी पद के लोभ के किया यह आज की पीढ़ी के लिए एक बहुत बड़ी मिशाल है.
बीते दिनों जदयू नेता ललन सिंह ने बताया था कि नीतीश कुमार जेपी जयंती पर नागालैंड इसलिए जा रहे हैं क्योंकि जब नागालैंड अशांत था तब जेपी ने नागालैंड जाकर वहां सीजफायर करवाया था. बाद में तीन साल तक जेपी नागलन्द में रहे. इस दौरान जेपी ने नागालैंड के सैकड़ों गावों का दौड़ा किया और लोगों को शांति का पाठ पढ़ाया. आज नागालैंड के घर-घर में जेपी पूजे जाते हैं.