महाराष्ट्र में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के बीच शिवसेना और उनके चिह्न को लेकर लड़ाई में एक नया मोड़ आया है. चुनाव चिह्न ने दोनों गुट को नया पार्टी और चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया है. यानी शिवसेना दो फाड़ में बंट गयी है. उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने नया मशाल चिह्न आवंटित कर दिया है, जबकि एकनाथ शिंदे गुट से तीन विकल्प मांगा है.
शिंदे गुट की शिवसेना का नाम बालासाहेबची, उद्धव की शिवेसना का नाम बालासाहेब ठाकरे
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के शिवेसना को नया नाम बालासाहेबची दिया. जबकि उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम दिया.
EC writes to Shinde faction & Thackeray faction; allots the name 'Balasahebanchi ShivSena' to Shinde faction &'ShivSena (Uddhav Balasaheb Thackeray) to Thackeray faction, declines to allot 'Trishul', 'Rising Sun' & 'Gada' as symbols as they are "not in the list of free symbols" pic.twitter.com/1oz0YMSYQk
— ANI (@ANI) October 10, 2022
उद्धव ठाकरे गुट को मिला मशाल चुनाव चिह्न
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग ने नया चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया है. उद्धव ठाकरे गुट को आयोग ने मशाल चिह्न दिया है. जबकि शिंदे गुट को अभी चुनाव चिह्न मिलना बाकी है. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को कल 11 अक्टूबर तक 3 नये प्रतीकों की एक सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा.
शिंदे गुट ने दिया था त्रिशूल और गदा चिह्न, चुनाव आयोग ने बताया धार्मिक
एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को अपने चुनाव चिह्न के रूप में त्रिशूल और गदा दिया था. लेकिन निर्वाचन आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए त्रिशूल और गदा को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने के विचार को धार्मिक किया.
उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को बताया बड़ी जीत
निर्वाचन आयोग द्वारा ‘शिवसेना – उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम आवंटित किए जाने के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने इसे अपनी बड़ी जीत करार दिया है. ठाकरे गुट के नेता भास्कर जाधव ने कहा, हम बहुत खुश हैं, इसे बड़ी जीत मानते हैं.