शिवसेना और चुनाव चिह्न को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के विवाद के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया. आगामी उपचुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने दोनों गुट को पार्टी का नाम आवंटित कर दिया और उद्धव ठाकरे गुट को चिह्न भी दे दिया. जिसके अनुसार उद्धव ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में ‘शिवसेना – उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम आवंटित किया. जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम आवंटित किया.
चुनाव आयोग के फैसल को शिंदे और उद्धव गुट ने अपनी-अपनी जीत बताया
चुनाव आयोग के फैसले पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट ने बड़ी खुशी जतायी. दोनों गुटों ने इसे अपनी-अपनी जीत बताया. ‘शिवसेना – उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम आवंटित किए जाने के बाद उद्धव ठाकरे धडे ने संतोष जताया. आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया है. ठाकरे के करीबी और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा, हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सर्वाधिक मायने रखते हैं- उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे – उन्हें नए नाम में रखा गया है. जबकि दूसरी ओर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया और लिखा, आखिरकार बालासाहेब ठाकरे के मजबूत हिंदुत्ववादी विचारों की जीत हुई. हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं. चुनाव आयोग ने आज शिवसेना के शिंदे गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम आवंटित किया.
शिंदे गुट के चुनाव चिह्न को आयोग ने किया खारिज, फिर से तीन नाम मांगे
चुनाव आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों को त्रिशूल और गदा को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने के सुझाव को खारिज कर दिया. आयोग ने गुट को नये चुनाव चिन्ह का चयन करने के लिए कहा. गौरमलब है कि निर्वाचन आयोग ने शनिवार को शिवसेना के दोनों खेमों को तीन नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया था.