80saalbemisaalbachchan सदी के महानायक अमिताभ बच्चन सी सूरत, हाइट और आवाज़, सड़क पर इनको देख हज़ारों की भीड़ जुट जाती है. पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर बिग बी के डुप्लीकेट होने की वजह से इन्होंने जमकर सुर्खियां बटोरी हैं. इनके वीडियोज अक्सर एक मिलियन व्यूज तक पार कर जाते हैं. हम बात कर रहे हैं अमिताभ बच्चन के डुप्लीकेट शशिकान्त पेडवाल की. शशिकांत कहते हैं कि मेरी सूरत, मेरी बॉडी, मेरी हाइट गुरुदेव जैसी हैं. मुझे लगता है कि मैंने ज़रूर पिछले जन्म में कोई पुण्य किया होगा. उर्मिला कोरी के साथ उनकी हुई खास बातचीत के प्रमुख अंश…
मैं जब दसवीं क्लास में था, तब मेरे दोस्तों ने मुझे बोलना शुरू किया कि यार तेरी सूरत बच्चन साहब से मिलती -जुलती है. जब आप ये सुनने लगते हैं कि आपकी शक्ल महानायक से मिलती- जुलती है, तो मुझे बड़ा अच्छा लगता है. धीरे-धीरे मैंने अपने आप में फिर बदलाव करना शुरू किया. उनकी तरह चलने का ढंग किया. झुकी हुई गर्दन और भी दूसरे मैनरिज्म लिए. गुजरते वक़्त के साथ तो मैं पूरी तरह से उनकी तरह हो गया.
बच्चन साहब को मैं गुरुदेव बोलता हूं. उनसे मैं पहली बार 2011 में मिला था. मेरे पास उस वक़्त एक एलबम था जिसमें सब मेरे फोटोज थे. मैंने उनको बताया कि सर ये सब आपके फोटोज हैं और मैं आपका बहुत बड़ा वाला फैन हूं. मैं उनके गेटअप में नहीं गया था. मैं नॉर्मल शशिकांत बनकर गया था. एलबम में फ़ोटो देखते हुए उन्होंने कहा कि क्या बात है . बहुत बढ़िया. आखिर में मैंने उन्हें बताया कि सर क्षमा कीजिए ये सब मेरी तस्वीरें हैं. इस पर उन्होंने कहा कि क्या बात कर रहे हैं आप? ये कैसे हो सकता है. भाई साहब मेरे घर कभी मत आइएगा वरना पता ही नहीं चलेगा कि हमदोनों में कौन अमिताभ बच्चन है.
मैं सिर्फ स्टेज पर ही अमिताभ बच्चन जी बनकर एक्ट नहीं करता हूं, बल्कि फिल्मों और एड फिल्मों में भी,मैं उनका बॉडी डबल बना हूं. झुंड फ़िल्म और अपग्रेड की एड में मैं भी था. एड में जो तोड़-फोड़ का हिस्सा था वो मैंने ही किया था. झुंड फ़िल्म के लांग शॉट में मैं हूं. बच्चन साहब की एक भोजपुरी फ़िल्म थी जिसको उनके ही मेकअप मैन दीपक सावंत ने बनाया था. उस फिल्म की गुजराती में पूरी डबिंग मैंने ही की थी. कुछ एक एड फिल्म्स में जब कुछ रीशूट करना होता है या उनकी आवाज़ एक-दो जगह चाहिए होती है तो मुझे ही बुलाया जाता है. अभी एक दो फिल्में कर रहा हूं, लेकिन उसपर बात नहीं कर पाऊंगा.
कोरोना के दूसरी लहर में मैंने अमिताभ बच्चन बनकर करीब एक हजार से ज़्यादा लोगों से बात की थी. उनको कहा कि एक समय था. जब आपने मेरे लिए दुआ मांगी. आज आप बीमार हैं,तो ये मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं आपके लिए दुआ मांगू. सेकेंड लहर के वक़्त आधे अधिक लोग की जान डरकर जा रही थी.मुझे लगा कि अगर अमिताभ बच्चन इनलोगों से बात करेंगे, तो ज़रूर इनको हौंसला बढ़ेगा. मैंने सरकार के सामने ये बात रखी.उन्होंने कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं है. मैंने बोला कि आप मत बोलिए कि अमिताभ बच्चन से बात करनी है, बल्कि आप मेरी तस्वीर दिखलाकर बोलिए, आपको इनसे बात करनी है क्या. फ़ोटो देखकर तो हर कोई हां ही कहेगा क्योंकि मैं बच्चन साहब की तरह ही दिखता हूं. मैंने हज़ार लोगों से ज़्यादा बात की.खास बात ये है कि मरीजों की रिकवरी का रेट 99 प्रतिशत थी. जिस वजह से दो घंटे से बढ़ाकर मेरा ये काम 5 घंटे सरकार ने कर दिया, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से मैं बात कर सकूं. मैंने इसके लिए एक रुपया भी नहीं लिया बल्कि इस दौरान मेरा ही खर्च हुआ, लेकिन मैं बच्चन साहब का फैन हूं. उन्होंने सरकारी विज्ञापनों को हमेशा मुफ्त में किया है,तो मैं इस सामाजिक कार्य के लिए कैसे पैसे ले सकता था.बच्चन साहब को जब मेरे इस काम के बारे में पता चला तो उन्होंने मुझे बहुत सम्मान के साथ कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर मिलने के लिए बुलाया. उन्होंने कहा कि आप जो काम कर रहे हैं,बहुत ही नेक और ऊंचा काम है.उन्होंने मुझसे ये भी पूछा कि आपके दिमाग में ये आईडिया आया कैसे?मैंने कहा कि सर बस आपकी प्रेरणा है.आपने इतना बेहतरीन काम किया है और कर रहे हैं.जिससे लोगों को आपके लिए विशेष सम्मान और आदर है. जो इस दुख के वक़्त उनके लिए सहारे की तरह काम कर रहा है.
अक्सर डुप्लिकेट्स के आर्थिक संकट से गुजरने की बात सामने आती है.कोरोना काल में बहुत लोगों ने मुश्किल वक़्त देखा, लेकिन मैं आईआईटी पुणे में प्रोफेसर हूं,तो आर्थिक तंगी से मुझे नहीं गुजरना पड़ा. देर से सही सैलरी मिलती रही.मैंने दूसरों की इस दौरान मदद की. जब मैं टीचर का काम करता हूं, तो मैं भूल जाता हूं कि बिग बी जैसा हूं. जब मंच पर बिग बी बनता हूं, तो भूल जाता हूं कि मैं टीचर हूं. ज़्यादातर मैं शनिवार और रविवार को शो करता हूं.मैं इसे बहुत एन्जॉय करता हू ,कईं बार कैंसर पेशेंट लास्ट स्टेज पर होते हैं,तो अस्पताल वाले मुझे बुला लेते हैं या फिर किसी की आंखें चली गयी है या कोई और समस्या से कोई जूझ रहा है. मेरे जाने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. इससे बड़ी मेरे लिए खुशी क्या हो सकती है. ये सब जो मैं कर रहा हूं.सही कर रहा हूं. इसका भरोसा बढ़ जाता है.
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किसी भी सिक्के के दो पहलू हैं.अच्छा है, तो कुछ बुरा भी है.कई बार सोशल मीडिया पर मैं ट्रॉल्लिंग का भी शिकार हो जाता हूं. मान लीजिए बच्चन साहब कहीं गए हैं और वहां के कुछ लोगों के साथ वे तस्वीर नहीं ले पाए, तो वो लोग गुस्सा होकर मेरे एकाउंट पर आकर भला बुरा कहते हैं कि आप बोलते हैं कि आपके गुरुदेव ऐसे हैं .उन्होंने हमारे साथ तस्वीरें नहीं ली,फिर मैं उनको समझाता हूं कि करोड़ों लोग उनके फैन हैं.वे सभी के साथ फोटो नहीं ले सकते हैं. इसके अलावा भी कई बार बहुत सुनना पड़ जाता है, लेकिन ये सब उसके आगे कुछ नहीं है.जो मुझे प्यार मिलता है.मेरा स्टेज शो आधे घंटे का होता है,लेकिन मेरे साथ सेल्फी लेने में डेढ़ घंटे चले जाते हैं.
भगवान से प्रार्थना करूंगा कि वो ऐसे ही स्वस्थ 100 साल तक रहे.जब वे सेट पर आते हैं,तो उनकी एनर्जी किसी युवा जैसी होती है.बच्चन साहब मुझे भगवान के अवतार लगते हैं.जिनको देखकर लगता है कि बस लगता है कि देखते रहूं. उनके जन्मदिन पर स्कूल के बच्चों को मैं एंटरटेन करना चाहूंगा.बच्चों से अच्छी बात क्या हो सकती है.उनकी सच्ची दुआ सीधे गुरुदेव तक पहुँचेगी.