पटना में शनिवार को डेंगू के 95 नये मामले मिले हैं. इसके साथ ही इस सीजन में अब तक डेंगू के 1939 केस सामने आ चुके हैं. डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने डेंगू की रोकथाम के लिए सभी तरह की जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है.
डीएम ने निर्देश दिया है कि फागिंग एवं टेमीफाॅस का नियमित छिड़काव किया जाये. उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि इन बीमारियों के लक्षणों एवं क्या करें, क्या ना करें का बृहत स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाये. आम जनता में डेंगू बुखार के बारे में जागरूकता अभियान के तहत आशा, एएनएम तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन करने को कहा है.
पीएमसीएच में 47 बेड एवं एनएमसीएच में 30 बेड सुरक्षित है. पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स, पटना में इसकी नि:शुल्क जांच उपलब्ध है. सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी रैपिड टेस्ट किट से डेंगू की स्क्रीनिंग सुविधा उपलब्ध है. डीएम ने निर्देश दिया है कि डेंगू के रोकथाम के लिए प्रत्येक प्रखंड में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से रैपिड टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित रहनी चाहिए. डीएम ने कहा है कि डेंगू के उपचार के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में दवा आदि की व्यवस्था हमेशा उपलब्ध रहेगी.
निजी जांच घरों एवं अस्पतालों द्वारा डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक कीट से कर एनएस 1 पॉजिटिव परिणाम प्रदर्शित होने पर उसे डेंगू बुखार घोषित कर दिया जा रहा है जिससे लोगों में भय एवं भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है. रैपिड डायग्नोस्टिक कीट जांच से संदिग्ध डेंगू चिह्नित किये जा सकते हैं लेकिन यह जांच रोग को कंफर्म नहीं करती है.
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अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
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मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
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आँखों के पीछे दर्द होना, जो कि आँखों को घुमाने से बढ़ता है
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जी मिचलाना एवं उल्टी होना
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गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना
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त्वचा पर चकत्ते उभरना
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एडिज के मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपते हैं
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कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें.
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नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें.
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घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली / परदे लगायें