Gorakhpur/Kushinagar News: कुशीनगर में नदी के उफान से जिले के लगभग 30000 की आबादी का इलाका टापू बन गया है. इससे लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों का कुशीनगर के जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया. डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भोजन, लाइट और जरूरी सामान मुहैया कराने का निर्देश दिया है .कुशीनगर जिले में नारायणी नदी के उफान के बाद खड्डा क्षेत्र के रेता इलाके में पानी घुस गया है. लोग ऊंचे मकानों में शरण लेकर किसी तरह से जीवनयापन कर रहे हैं.
कुशीनगर जिले के खड्डा क्षेत्र के कुछ गांव बाढ़ प्रभावित हो गए हैं. नारायणी नदी में बाल्मीकि नगर बैराज से 4,40,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यह क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हो गया है. लोग ऊंची जगहों पर सरण लेकर किसी तरह से जीवन व्यतीत कर रहे हैं. गांव में पानी घुस जाने की वजह से नौबत ऐसी बन गई है कि लोगों का जनजीवन अस्त वस्त हो गया है. कुशीनगर जिले के शिवपुर गांव के पुलिस चौकी तक पानी पहुंच गया है. जबकि कई घरों में रहने वाले लोग मुझे मचान बनाकर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं.
इलाके में पानी भर जाने की वजह से लोग आवागमन के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. कुशीनगर जिले में नारायणी नदी का जल स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. कुशीनगर के खड्डा क्षेत्र के आधा दर्जन गांव में पानी घुस गया है. कुशीनगर के जिलाधिकारी एस राज लिंगम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों का हाल जाना और उन्हें हर संभव मदद के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया. इलाके के कुछ लोगों में काफी रोष है कि अभी तक उन्हें कोई राहत सामग्री नहीं मिली है और न ही प्रशासन की तरफ से भोजन की व्यवस्था कराई गई है. कुछ महिलाओं का कहना था कि वह तीन टाइम से भूखी है प्रशासन द्वारा भोजन की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप