छपरा. नेपाल में भारी बारिश के बाद सारण प्रमंडल में बाढ़ का पानी फैल गया है, वहीं तिरहुत प्रमंडल में भी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. वैसे वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़ने की रफ्तार में दूसरे दिन कमी आयी है. परंतु पिछले 24 घंटे में सारण के रेवा घाट में गंडक का जलस्तर 1.65 मीटर बढ़ा है. सारण में रेवा घाट के पास गंडक के खतरे का निशान 54.40 मीटर है. जबकि गंडक का जलस्तर पिछले 24 घंटे में बढ़कर 54.17 मीटर हो गया है. इस प्रकार सारण में गंडक अब खतरे के निशान से महज 23 सेंटीमीटर कम है.
कार्यपालक अभियंता श्री कुमार के अनुसार गंडक का जलस्तर शनिवार की रात दोपहर बाद ज्यादा बढ़ने की संभावना है. ऐसी स्थिति में रविवार को गंडक का जलस्तर अधिकतम होने की वजह से अगले तीन दिनों तक सारण तटबंध की सुरक्षा के मद्देनजर चौकसी बढ़ा दी गयी है. जिससे किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति से निपटा जा सके. इसके लिए पर्याप्त मात्रा में कटावरोधी सामग्री भी पर्याप्त संख्या में रखी गयी है जिससे किसी भी प्रकार की स्थिति उत्पन्न होने पर उससे निपटा जा सके. उधर गंडक के जलस्तर के तेजी से बढ़ने व सारण तटबंध की सुरक्षा के मद्देनजर जलसंसाधन विभाग तथा बाढ़ नियंत्रण विभाग, राज्य स्तरीय कटावरोधी बल के वरीय तकनिकी पदाधिकारियों ने शनिवार को सारण तटबंध पर पहुंचकर पुरी स्थिति का जायजा लिया.
गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण पानापुर, तरैया, अमनौर, मढ़ौरा, मकेर, परसा, दरियापुर के गंडक से सटे गांवों के ग्रामीण बाढ़ की आशंका से ज्यादा भयभीत है. इसके अलावें अन्य गांव जो गंडक के बाढ़ से प्रभावित होते है. वहां भी किसानों को अपने जान-माल के साथ-साथ तैयार खरीफ फसलों की सुरक्षा को ले चिंता सता रही है. किसानों का कहना है कि यदि गंडक की बाढ़ आती है तो ऐसी स्थिति में उनके खेतों में लगी धान आदि खरीफ की फसलों को क्षति होगी. वहीं सारण के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भी गंडक के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के बाद संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी प्रखंडों के सीओ आदि को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.