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कोलकाता के कारोबारी अमित गिरफ्तार, जनहित याचिका को नुकसान पहुंचाने के लिए 2 अफसरों के साथ मिल रची साजिश

इडी ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. अब आज उसे पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की जायेगी. उन्हें दस्तावेजों के साथ कल इडी कार्यालय बुलाया गया था.

रांची: इडी ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. अमित अग्रवाल को पूछताछ के लिए दस्तावेजों के साथ शुक्रवार को इडी कार्यालय बुलाया गया था. पूछताछ के बाद इडी ने अमित को गिरफ्तार कर लिया. अब शनिवार को उसे पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की जायेगी. इडी ने अपनी जांच में पाया कि हाइकोर्ट में चल रही एक जनहित याचिका को नुकसान पहुंचाने के लिए अमित अग्रवाल ने रांची और कोलकाता के दो आइपीएस अफसरों के साथ मिलकर साजिश रची थी.

इसी साजिश के तहत अमिल अग्रवाल ने अधिवक्ता राजीव कुमार से संपर्क कर उन्हें कोलकाता बुलाया और फिर उन्हें पैसे देकर कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तार करवाया. इडी को जांच में यह भी पता चला कि राजीव कुमार के खिलाफ कोलकाता में जिस पुलिस अफसर ने प्राथमिकी दर्ज करायी, उसका अमित अग्रवाल से पहले से ही मधुर संबंध था. प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अमित अग्रवाल ने अपना जो पता-ठिकाना लिखवाया था, वह भी गलत था.

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में चार पुलिस अधिकारी भी इडी के रडार पर हैं. उल्लेखनीय है कि व्यापारी अमित अग्रवाल की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने 31 जुलाई को झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था.

कोलकाता पुलिस के सम्मन के बाद इडी आया एक्शन में : 

शिव शंकर शर्मा ने राजनीतिज्ञों द्वारा शेल कंपनियों में किये गये कथित निवेश के मामले में पीआइएल दायर कर मामले में सीबीआइ जांच की मांग की थी. याचिका में कथित तौर पर शेल कंपनियों की एक सूची लगायी गयी थी, जिसमें अमित अग्रवाल की कंपनी का नाम भी शामिल था. अमित अग्रवाल ने याचिका में से उसकी कंपनी का नाम हटाने के मुद्दे पर राजीव कुमार से बातचीत कर उन्हें कोलकाता बुलाया.

साथ ही कोलकाता में एक प्राथमिकी दर्ज करायी. इसी प्राथमिकी के आलोक में कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था. राजीव कुमार याचिका और समय-समय पर कोर्ट में पेश किये जाने वाले दस्तावेज को व्हाट्सएप के सहारे इडी सहित अन्य अधिकारियों को भेजते थे. कोलकाता पुलिस ने इसी के आधार पर इडी के तत्कालीन उप निदेशक को पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया था. जवाब में इडी के अधिकारी द्वारा कोलकाता के वरीय अधिकारियों को पत्र भेज कर कुछ स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी. इसके बाद इडी ने राजीव कुमार कैश कांड की जांच शुरू की.

18 अगस्त को  इडी ने दर्ज की थी प्राथमिकी : 

राजीव कुमार कैश कांड में कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को लेकर इडी रांची ने 18 अगस्त को जांच के लिए इसीआइआर दर्ज किया था. इसके बाद पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में कैश कांड की जांच के लिए राजीव कुमार से पूछताछ की जरूरत बताते हुए पुलिस रिमांड पर देने का अनुरोध किया था. न्यायालय के आदेश के आलोक में कोलकाता से 21 अगस्त को रिमांड पर लाने के बाद इडी ने राजीव से पूछताछ की और रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद 31 अगस्त को कोलकाता जेल पहुंचा दिया. फिर राजीव को कोलकाता स्थित सक्षम न्यायालय ने कैश कांड में जमानत दे दी.

इसके बाद कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को रांची पहुंचा दिया. फिलहाल वह इडी द्वारा दर्ज मनी लाउंड्रिंग के मामले में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में हैं. इडी ने राजीव कुमार से ही पूछताछ के दौरान अमित अग्रवाल को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था. इसी नोटिस के आलोक में वह 26 अगस्त को पूछताछ के लिए इडी के रांची स्थित कार्यालय में हाजिर हुआ था.

दो दिनों तक चली पूछताछ के बाद उसे फिर बाद में आने के लिए कहा गया था. साथ ही कुछ आवश्यक दस्तावेज देने का निर्देश दिया गया था. इस निर्देश के आलोक में अमित ने संबंधित दस्तावेज इडी को उपलब्ध करा दिया था. इडी ने उससे उसकी व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित दस्तावेज मांगे थे. अमित अग्रवाल का झारखंड में मिहिजाम वनस्पति के नाम से कारखाना था, जो फिलहाल बंद है.

जांच के दौरान मनी लाउंड्रिंग के सबूत पाये गये

इडी ने अपनी जांच में अरोड़ा स्टूडियो में मनी लाउंड्रिंग के सबूत पाये. इस कंपनी में अमित अग्रवाल निदेशक हैं.अवैध खनन में पकड़े गये प्रेम प्रकाश की कंपनी के खाते से अरोड़ा स्टूडियो खाते में राशि भेजी गयी थी.

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