Gorakhpur News: गोरखपुर में दो दिन हुई लगातार बारिश ने गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग की निर्माण की पोल खोल कर रख दी. इस राष्ट्रीय राजमार्ग में बरती गई लापरवाही की पोल दो दिन की बारिश ने खोल दी. कौड़ीराम कटिहार के बीच बिजरा पुल के पास लगभग 40 मीटर लंबी नवनिर्मित फोरलेन सड़क धंसकर फट गई. इस रूट को डायवर्ट कर लिया गया है. इस रोड की मरम्मत शुरू कर दी गई है. निगरानी करने वाली भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अफसर भी सवालों के घेरे में आ गए हैं.
गोरखपुर वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य अभी चल रहा है लेकिन दो दिन लगातार बारिश होने की वजह से कौड़ीराम कटिहार के बीच बिजरा पुल के पास 40 मीटर लंबी नवनिर्मित फोरलेन धंसकर फट गया. इसके बाद सड़क के पास डायवर्जन कर दूसरे लेन से किसी तरह गाड़ियों को निकाला गया. इससे इस रोड पर चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. जाम की समस्या भी बन गई. कुछ वाहन महावीर छपरा से सीधे बांसगांव कौड़ीराम से निकल रहे हैं. यूं भी कौड़ीराम से गोरखपुर की दूरी 30 किलोमीटर है. यह दूरी एक घंटे में तय की जा सकती है लेकिन रोड खराब होने की वजह से यात्रियों को दो से ढाई घंटे लगते हैं.
गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में शुरू से ही लापरवाही देखी गई है. कार्यदाई संस्था जेपी एशोसिएट ने तय समय में कार्य पूरा नहीं किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद निर्माण में तेजी आई लिखी एनएचएआई अपनी जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतरा एनएचएआई की लापरवाही अक्सर सामने आती रही है एनएचएआई केवल निगरानी का दिखावा करता रहा. सड़क के कुछ हिस्से मानकों का माखौल बनाकर बनाए गए. पकड़ में आने के बाद उसे तोड़कर दोबारा नए सिरे से बनवाया गया. अब बारिश ने सड़क की गुणवत्ता की कलई खोल दी. निर्माणकर्ता संस्था अब लीपापोती में जुटा हुआ है. सड़क की मरम्मत करा रहा है.
गोरखपुर वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था. इसे 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था. इस अवधि में मात्र 35 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया था. इसके बाद एनएचएआई ने काफी नाराजगी जताते हुए कार्रदाई संस्था की अवधि बढ़ाकर 2020 कर दी लेकिन 2022 में भी इस राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य अधूरा है.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप