Bihar By Election 2022: बिहार में उपचुनाव का एलान कर दिया गया है. आगामी 3 नवंबर को मोकामा और गोपालगंज विधानसभा (Gopalganj Upchunav) सीट पर वोट डाले जाएंगे. बिहार में सियासी समीकरण बदलने के बाद अब महागठबंधन में जदयू भी शामिल हो चुकी है. गोपालगंज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का गृहजिला है. लेकिन गोपालगंज विधानसभा में पिछे दो दशक से भाजपा का ही झंडा मजबूत रहा है. राजद अंतिम बार साधु यादव को यहां से उम्मीदवार बनाकर जीत हासिल कर सकी.
गोपालगंज की सीट पर भाजपा मजबूत रही है. इस बार भाजपा अपनी सीट बचाने के लिए मैदान में प्रत्याशी उतारेगी. इस सीट पर पिछले 4 विधानसभा चुनाव से भाजपा का दबदबा रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुभाष सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी. जिनके सामने बसपा उम्मीदवार साधु यादव तो महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ गफूर थे जो पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के नाती हैं. लेकिन सुभाष सिंह के सामने सभी पस्त हुए और लगातार चौथी बार सुभाष सिंह ने भाजपा को यहां से जीत दिलाई थी.
भाजपा नेता सुभाष सिंह का अब निधन हो गया है. जो लगातार भाजपा को यहां से जीत दिलाते रहे. बीजेपी को अब यह तय करना है कि इस सीट पर किसके ऊपर दांव खेलेगी. सियासी पंडितों का अनुमान है कि गोपालगंज उपचुनाव में भाजपा सुभाष सिंह के परिजनों को ही टिकट दे सकती है. वहीं महागठबंधन अब इस सीट पर फिर से कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत लगाएगी. राजद की बात करें तो यहां आरजेडी की जमीन कभी मजबूत बनी रही. 2005 के पहले आरजेडी यहां से जीत दर्ज कर चुकी है.
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गोपालगंज सीट पर लालू यादव के साले यानी राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2000 में वो यहां से जीते थे.लेकिन 2005 से लगातार भाजपा का ही इस सीट पर कब्जा रहा है. दिवंगत नेता सुभाष सिंह यहां काफी लोकप्रिय रहे हैं.
गोपालगंज में सवर्ण वोटरों की भी बड़ी भूमिका रहती है जबकि अति पिछड़ा, राजद व मुस्लिम वोटर भी बड़ी तादाद में हैं. राजद और कांग्रेस अधिकतर मुस्लिम उम्मीदवार पर ही दांव खेलती रही है. इस बार जब जदयू और राजद व कांग्रेस एकसाथ है तो ये देखना दिलचस्प रहेगा कि जनादेश किसके पक्ष में रहता है.
Published By: Thakur Shaktilochan