Gorakhpur News: सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) पहुंचे. जहां उन्होंने दो मादा शावकों को दूध पिलाकर उनका नामकरण किया है. मुख्यमंत्री ने एक शावक का नाम भवानी और दूसरी का चंडी रखा है. उन्होंने चिड़ियाघर के हॉल में लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि, रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा और संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए. इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है. रामायण की गाथा में अरण्य कांड जीव जंतुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति दायित्वों, जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है. अरण्य कांड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान संपदा समाहित है.
सीएम योगी ने वन्यजीव संरक्षण तथा ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ में प्रदेश का पहला नाइट सफारी शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वन्यजीवों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी, मनोरंजन के साथ बच्चों का ज्ञानवर्धन भी होगा.
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्यजीवों के उपचार व संरक्षण के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर निर्धारित करने का निर्देश वन विभाग के जिम्मेदारों को दिया. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी चिकित्सक पशुपालन विभाग से लाए जाते हैं। पर, अब वन्यजीवों के रेस्क्यू व उनके उपचार हेतु पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर तैयार करना होगा.
पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक एक पेड़ की कीमत को समझते हुए उनका संरक्षण होना चाहिए. उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश में 100 करोड़ पेड़ लगाए गए. यह दुनिया में सर्वाधिक है. इस बार 35 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं, इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
रिपोर्टर- कुमार प्रदीप, गोरखपुर