नई दिल्ली : कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के बाद पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया जा सकता है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद का चुनाव होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व अपने कामकाज में सामूहिक भागीदारी को शामिल करते हुए संगठनात्मक ढांचे में बदलाव कर सकता है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष की मदद के लिए क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्षों या उपाध्यक्षों के पद सृजित करने पर विचार कर रही है. इससे अध्यक्ष की शक्तियों की जांच में भी मदद मिलेगी और सामूहिक नेतृत्व का माहौल बन सकेगा.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के लिए एक मसौदे तैयार किया जाएगा और इस मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक समिति भी गठित की जा सकती है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, इस मसले पर अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पर फैसला किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के साथ दक्षिण, पश्चिम, उत्तर और पूर्व के लिए वरिष्ठ और युवा नेताओं को भी शामिल किया सकता है. इन नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत करने का काम सौंपा जाएगा.
बता दें कि इस के मई महीने के दौरान उदयपुर ‘चिंतन शिविर’ में विभिन्न नेताओं के सुझाव आए कि अध्यक्ष की सहायता के लिए कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी चाहिए. कांग्रेस के बागी नेताओं के समूह जी-23 या इससे अलग बदलाव चाहने वालों ने पहले भी पार्टी में संगठनात्मक सुधार के लिए कहा था और सामूहिक नेतृत्व पर जोर दिया था. उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव और संसदीय बोर्ड के गठन की भी मांग की थी.
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तिरूवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर का मुकाबला कर रहे वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि चुनाव के बाद सुधारों पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. खड़गे थरूर की उस टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि थरूर निरंतरता और यथास्थिति के प्रतिनिधि हैं, जबकि वह बदलाव के वाहक हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में जो भी बदलाव होना है, वह हमारा आंतरिक मामला है. जो भी नीतिगत मामला तय होगा, वह सभी की सहमति से तय किया जाएगा और उस पर अमल किया जाएगा.