गिरिडीह: गिरिडीह सेंट्रल जेल के प्रभारी जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगने की जांच एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) करेगा. डीजीपी नीरज सिन्हा ने एटीएस एसपी को इस बाबत निर्देश दिया है. वहीं घटना कैसे हुई, इसको लेकर डीजीपी ने हजारीबाग रेंज के डीआइजी नरेंद्र कुमार सिंह से भी अविलंब रिपोर्ट मांगी है. रंगदारी मांगे जाने से संबंधित खबर मीडिया में आने के बाद डीजीपी के स्तर पर यह कार्रवाई की गयी है.
जेल अधीक्षक ने अगस्त महीने में गिरिडीह के मुफस्सिल थाना में इसकी शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि गिरिडीह जेल में बंद शातिर अपराधी ने मन-मुताबिक सुविधा नहीं देने पर व्हाट्सऐप कॉल और मैसेज कर दो करोड़ रंगदारी मांगने और भुगतान नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी.
जांच में आरोप सही पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. हमला के बाद जेल में बंद आशीष कुमार साह के नाम की चर्चा रही थी. रांची जिले का निवासी शातिर अमन साव उर्फ अमन साहु के गिरोह से यह जुड़ा है. मामले में आशीष सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
अमन को कोलकाता से गिरिडीह जेल शिफ्ट किये जाने के बाद से जेल प्रशासन और साव से जुड़े अपराधियों के बीच तकरार शुरू हुई थी. श्री चौधरी बोकारो के चास जेल के अधीक्षक हैं. वह पूर्व में भी गिरिडीह जेल के जेलर थे. 2021 में प्रोन्नति के बाद इन्हें बोकारो के चास जेल का अधीक्षक बनाया गया था. करीब पांच माह पहले विभाग ने गिरिडीह सेंट्रल जेल के अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया था.
श्री चौधरी से रंगदारी मांगे जाने के पीछे गिरिडीह जेल में बंद आशीष कुमार साह का नाम सामने आ रहा है. आगे की जांच में सही तथ्यों का खुलासा हो सकता है. जब अनिमेष चौधरी से इस बारे में बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस को सब पता है. वह कुछ नहीं कहना चाहते.
गिरिडीह सेंट्रल जेल के सहायक जेलर प्रमोद कुमार पर 20 जुलाई, 2022 की दोपहर डेढ़ बजे के करीब अपराधियों ने जानलेवा हमला किया था. उस वक्त जेलर सरकारी वाहन टाटा सूमो जेएच 01एस 2138 से गिरिडीह कोर्ट जा रहे थे. उनकी गाड़ी जैसे ही डांडीडीह स्थित जिम के पास पहुंची, बाइक सवार दो अपराधियों ने पीछे से अचानक वाहन पर ताबड़तोड़ तीन फायरिंग की. तीनों गोगी वाहन के पिछले हिस्से में लगी थी. गिरिडीह एसडीपीओ व अन्य अधिकारी मौके पर जाकर जांच की थी.